डीसी निशांत कुमार यादव ने राजस्व अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
आम जनता से भी की अपील, 180 वर्ग गज से छोटे प्लॉट में फलोर वाईज रजिस्टरी ना करवाएं, राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ रद्द होगी रजिस्टरी

गुरूग्राम, 08 सितंबर। उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव ने जिला नियुक्त राजस्व अधिकारियांे को सख्त निर्देश दिए कि वे 180 वर्ग गज से छोटे प्लॉट मंे फलोर वाईज रजिस्टरी ना करें क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है और इस नियम का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित राजस्व अधिकारी तथा रजिस्टरी क्लर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जिलावासियांे से भी अपील की है कि वे 180 वर्ग गज से छोटे प्लॉट में फलोर के अनुसार रजिस्टरी ना करवाएं क्योंकि राजस्व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ वह रजिस्टरी भी रद्द की जाएगी।

    उपायुक्त श्री यादव जिला में नियुक्त राजस्व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्होंने फसलों की गिरदावरी समय पर पूरी करने, मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल, नहरी आबियाना की रिक्वरी, सरकारी धनराशि की रिकवरी, जमाबंदी ऑनलाईन करने, राजस्व न्यायालय में केसों का निपटारा करने तथा स्वामित्व योजना के विवादों की सुनवाई करके इनका समाधान करने आदि विषयों पर राजस्व अधिकारियों के साथ चर्चा की।

  प्लोर वाईज रजिस्टरी करने के विषय को स्पष्ट करते हुए उपायुक्त श्री यादव ने सभी राजस्व अधिकारियों को बताया कि नियम अनुसार 180 वर्ग गज से कम आकार के प्लॉट में बने मकान की फलोर वाईज रजिस्टरी नहीं की जा सकती और उसकी पूरी इकाई की एक ही रजिस्टरी होगी। यदि प्लॉट का आकार 180 वर्ग गज से ज्यादा है तो उस मामले में भी एक फलोर की एक ही रजिस्टरी की जा सकती है, फलोर को विभाजित करके अलग-अलग रजिस्टरी नहीं हो सकती अर्थात् एक फलोर को एक ही इकाई माना जाएगा, एक फलोर पर बहु इकाई (मल्टीपल युनिट) नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस अर्थात् आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आंवटित प्लॉट में भी फलोर वाईज रजिस्टरी नहीं की जा सकती।  

    बैठक में उपायुक्त श्री यादव ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फसलों की गिरदावरी 12 सितंबर तक पूरी करके उस डाटा को फ्रीज कर दें। इसी प्रकार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से संबंधित शिकायतों को भी नियमानुसार हल करें। उन्हांेने नहरी आबियाना वसूली की समीक्षा के दौरान राजस्व अधिकारियों से कहा कि इस कार्य में सहयोग नहीं करने वाले नंबरदारों के बारे में उनके पास रिपोर्ट भेजें ताकि उन नंबरदारों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। इस बैठक मंे राजस्व अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया था कि आबियाना वसूली के लिए वे नंबरदारों को कई बार कह चुके हैं लेकिन वे इस कार्य में रूचि नहीं ले रहे हैं। पहले रहे कुछ नंबरदार आबियाना का पुराना रिकॉर्ड भी नहीं दे रहे हैं। इस पर उपायुक्त ने कहा कि नंबरदारों को एक मौका और दें तथा फिर भी कोई पहले रहा हुआ नंबरदार रिकॉर्ड नहीं देता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं।

इसी प्रकार यदि कोई नंबरदार आबियाना वसूली में सहयोग नहीं करता है तो उसको नंबरदारी से हटा दिया जाएगा। सरकारी राजस्व की रिकवरी के संबंध में उपायुक्त श्री यादव ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे दोषी व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की करके सरकारी धनराशि की रिकवरी करें। कुर्की करने की शक्तियां एसडीएम के पास हैं, इसलिए जिनसे सरकारी धन की रिकवरी की जानी है, उन्हें कुर्की का नोटिस भेंजे। यदि नीलामी की आवश्यकता पड़े तो नीलामी के आदेश उपायुक्त दे सकते हैं। उन्होंने बैठक में जमाबंदी को कंप्युटर में फीड करने पर जोर दिया और कहा कि तहसीलदार अपनी-अपनी तहसील में इस कार्य की समय-समय पर समीक्षा करते रहें। इसके साथ उपायुक्त ने सभी राजस्व अधिकारियों को उनके पास राजस्व न्यायालयों में लंबित केसो की सुनवाई करके जल्द फैसला सुनाने के आदेश भी दिए। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के विवादों की सुनवाई भी एसडीएम करें और 15 सितंबर तक इन विवादों का निपटारा करवाएं।

    बैठक में उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव के अलावा, गुरूग्राम की एसडीएम का कार्यभार देख रही अनु श्योकंद, सोहना के एसडीएम जितंेद्र गर्ग, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, जिला राजस्व अधिकारी मनबीर सिंह तथा जिला मंे नियुक्त सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

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