रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद व महासचिव, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का बयानः

कलयुगी शासकों की गिद्धदृष्टि, इस जमीन को तो राजे-महाराजे और अंग्रेज भी नहीं छीन पाए!

12 समुदायों की जमीनें छीनने की फिराक में खट्टर सरकार – रणदीप! बोले इस साजिश को किसी कीमत पर नहीं होने देंगे कामयाब, पीड़ित समुदायों से मिलकर सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे!

पूछा, पंचायतों की जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर सरकार खामोश क्यों?

  चंडीगढ़, 05 सितंबर, 2022 – आज केंद्र व प्रांत की भाजपा सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए काँग्रेस पार्टी के महासचिव एवं राज्यसभा सांसद, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चाहे केंद्र की मोदी सरकार हो या हरियाणा की खट्टर सरकार, दोनों ही गरीब, दलित, कमजोरों व किसानों की कमर तोड़ने की होड़ में लगी हैं। समाज मे ऐसा कोई बचा नहीं है, जिसे इन्होंने ठगा नहीं है।

एक तरफ मोदी जी सरकारी कंपनियों को अपने पूंजीपति आकाओं को बांट रहे हैं, तो दूसरी तरफ खट्टर साहब लोगों की रोजी-रोटी उनसे छीन रहे हैं। उन्होंने युवाओं को बेरोजगार बना दिया और हम चिल्लाते रह गए।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सत्ता के घमण्ड और बहुमत के अहंकार ने खट्टर सरकार को इतना मदमस्त कर दिया है कि अब यह सरकार लोगों की जमीनों पर भी कब्जा ज़माने में लग गई है।

उन्होंने बताया कि साल 2010 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दोहलीदार, बुटीमार, भोंडेदार, मुकररीदार (मालिकाना हक निहित करना) विधेयक विधानसभा में पास करके ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, प्रजापति, अनुसूचित जातियों, सैन समाज, बैरागी, गोस्वामी आदि सहित 12 जातियों के लोगों को उस अनुदानित भूमि पर मालिकाना हक दिया था, जो सैंकड़ों वर्षों से उनके अधिकार में थी। इस अधिनियम की अनुपालना में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 16 जून, 2011 को इन 12 जातियों को इनके अधिकार वाली ज़मीन पर मालिकाना हक देने के लिए आवश्यक नियम भी अधिसूचित कर दिए थे।

लेकिन इसके बाद 2014 में खट्टर साहब सत्ता में आ गए और उनको घेरकर बैठे प्रॉपर्टी डीलर्स की गिद्ध दृष्टि लोगों की इस जमीन पर जम गई।

सुरजेवाला ने बताया कि लोगों को कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई उनकी जमीन से वंचित करने के लिए खट्टर सरकार ने नियमों में खामी का हवाला देते हुए चार वर्ष पहले 8सितम्बर, 2018 को लोगों से इस अनुदानित भूमि का मालिकाना हक छीनने वाला काला कानून बना दिया।

कांग्रेस पार्टी शुरू से ही खट्टर सरकार के इस अत्याचारी कानून के खिलाफ लड़ रही है लेकिन, विधानसभा में बहुमत के अहंकार और सत्ता के नशे में झूम रहे खट्टर साहब किसी की नहीं सुनते।

प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार से सवाल करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर साहब से हम पूछना चाहते हैं कि इन वर्गों से उनकी ऐसी क्या दुश्मनी है, जो इनके पुरखों की जमीनों को छीन रहे हैं?

खुद ग्राम पंचायतों और नगर निकायों को कानूनी दर्जा 30 साल पहले मिला था लेकिन ये ज़मीनें समाज के इन वर्गों को सैंकड़ों साल पहले मिली थी। ये ज़मीनें इन लोगों से राजाओं-नवाबों और अंग्रेजों तक ने नहीं छीनी लेकिन, खट्टर साहब इनसे ये ज़मीने छीनने के लिए जोर लगाए हुए हैं।

खट्टर सरकार अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान तक के हिंदुओं की ठेकेदार बनती है, लेकिन, हरियाणा की मिट्टी के लिए अपना खून और पसीना बहाने वाले हजारों हरियाणवियों की रोजी-रोटी छीन रही है।

एक तरफ नगर निकायों और पंचायतों की जमीनों पर अवैध कब्जों पर भाजपा सरकार आँख मूंदे बैठी है। नदियों और पहाड़ों में खनन माफिया बेखौफ होकर पुलिस अधिकारियों तक पर हमले कर रहा है। दूसरी तरफ खट्टर सरकार देहलीदारों की जमीनों पर गिद्ध दृष्टि जमाए है।

पीड़ित समुदायों को अपना हर सहयोग देने का आह्वान करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खट्टर साहब के प्रॉपर्टी डीलर सलाहकारों को उनके षडयंत्र में सफल नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि अगर खट्टर साहब और दुष्यंत चौटाला जी ये सोचते हैं कि उधार के बहुमत के सहारे वो लोग जनता से उनकी ज़मीनें छीन लेंगे तो यह उनका वहम है।

सुरजेवाला ने कहा कि हम लोग विधानसभा से लेकर संसद तक संघर्ष करंगे। खट्टर साहब शायद जानते नही हैं कि हम गांधी-नेहरु के अनुयायी हैं। हमने तो अंग्रेजों से हमारी ज़मीनें खाली करवा ली थीं, फिर खट्टर सरकार की क्या बिसात?

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