– प्रतिदिन एक घंटा जनशिकायतों को सुनकर उनका समाधान करने पर रखें फोकस
– कार्यालय में मिलने आने वाले नागरिकों को बेवजह ना करना पड़े इंतजार

आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा

गुरूग्राम, 30 अगस्त। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने सभी निगम अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे प्रतिदिन 11 से 12 बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहें तथा कार्यालय में आने वाले नागरिकों की शिकायतों को सुनकर उनका समाधान करने पर गंभीरता से ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कार्यालय में मिलने आने वाले नागरिकों को अधिकारी से मिलने के लिए बेवजह इंतजार ना करना पड़े तथा उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो।

उक्त निर्देश निगमायुक्त ने मंगलवार को सभी निगम अधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार अधिकारियों को अपने कार्यालय में प्रतिदिन 11 से 12 बजे तक उपस्थित रहना अनिवार्य है। इस एक घंटे के दौरान अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके पास शिकायत लेकर पहुंचने वाले व्यक्ति को बेवजह इंतजार ना करना पड़े तथा उसे इधर-उधर चक्कर ना काटने पड़ें। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि शिकायत लेकर पहुंचने वाला व्यक्ति किसी बाबू स्तर के कर्मचारी के पास जाने को मजबूर ना हो। अधिकारी स्वयं शालीनता से उनकी शिकायतें सुनकर समाधान करने की दिशा में कार्य करें। फील्ड में जाने का समय 12 बजे के बाद का ही रखा जाए।

प्रॉपर्टी आईडी के लिए ना काटना पड़े चक्कर : निगमायुक्त ने बैठक में शामिल जोनल टैक्सेशन अधिकारियों से कहा कि प्रॉपर्टी आईडी के लिए ऑनलाईन आवेदन की व्यवस्था है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रॉपर्टी आईडी बनाने के लिए प्राप्त होने वाले ऑनलाईन आवेदन पर तुरंत कार्रवाई करें, ताकि आवेदक को निगम कार्यालय में चक्कर ना काटना पड़े। उन्होंने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम की काफी सेवाएं ऐसी हैं, जो ऑनलाईन माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जा रही हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि नागरिकों को इन सेवाओं के लिए बेवजह निगम कार्यालय में ना आना पड़े।

विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का गंभीरता से करें समाधान : निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम में कई माध्यमों से शिकायतें प्राप्त होती हैं। इन शिकायतों के समाधान के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित समयावधि के भीतर शिकायतों का समाधान हो जाना चाहिए। इससे एक ओर जहां नागरिकों को सहूलियत होगी, वहीं दूसरी ओर नगर निगम गुरूग्राम की छवि में भी और अधिक सुधार होगा।

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