फरुखनगर ब्लॉक के 9 स्कूल व गांव में मेले का शुभारंभ किया

पटौदी के गांव नूरग़ढ़ स्कूल व गांव में नुक्कड़ नाटक आयोजित

करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर और गुरुग्राम शामिल

इन सभी जिला के 125 स्कूलों-गांवों में किशोर-किशोरी मेला

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । ब्रेकथ्ररू संस्था द्वारा गुरुग्राम ज़िला के फरुखनगर ब्लॉक के 9 स्कूल व गांव में किशोर-किशोरी मेले का शुभारंभ 12 अगस्त 2022 को फरुखनगर ब्लॉक के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जमालपुर स्कूल व गांव स्तर पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर किया गया। इसी कड़ी में पटौदी ब्लॉक के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नूरग़ढ़ स्कूल व गांव स्तर पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर श्किशोर-किशोरी मेले का शुभारंभ किया गया था। अब तक पटौदी ब्लॉक के 8 स्कूल व गांव में किशोर-किशोरी मेले के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

जिला प्रबंधक नरेश ने कहा इस वर्ष हम किशोर-किशोरी मेला – ’बड़ी सी आशा,सपनों की बात,यह थीम लेकर चल रहे हैं, जिसमे हम समाज में किशोरियों की शिक्षा के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे है ताकि वे स्कूल, कॉलेज वापस आ सकें और उनके बीच एक विस्तारित भविष्य उन्मुखीकरण विकसित कर सकें। हम अगस्त के महीने में  हरियाणा के 125 ग्राम पंचायतों में 25 हजार छात्र- छात्राओं, उनके माता-पिता और समुदायों के साथ हरियाणा के 6 जिलों (करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर और गुरुग्राम) के 125 स्कूलों में किशोर-किशोरी मेला आयोजित करेंगे । हम कम उम्र में शादी, लड़कियों की शिक्षा के मूल्य और लड़कियों की आकांक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक ष् सरला मुनिया के सपनों की दुनियाष् का प्रदर्शन करके समुदाय को जागरूक  कर रहे हैं और चर्चा में माता-पिता को शामिल करेंगे। किशोरियो  की आकांक्षा का समर्थन करने के लिए, हम समुदाय में थिएटर प्रस्तुत करने की भी योजना बना रहे हैं। इसके तहत हम प्रत्येक समुदाय मे 2 प्रोग्राम करेंगे। किशोर-किशोरी मेला का आयोजन गुरुग्राम ज़िले में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया जा रहा हैं।

समाज को आईना दिखाता यह नाटक
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जमालपुर स्कूल के प्रिंसिपल हर्ष ने ब्रेकथ्ररू  संस्था का धन्यवाद करते हुए कहा। आज सरला मुनिया के सपनों की दुनिया नाम से ब्रेकथ्ररू  संस्था की टीम ने जो नाटक प्रस्तुत किया हैं यह समाज को आईना दिखाता हैं। किस प्रकार समाज मे फैली कुरीतियों के कारण लड़कियों की हायर एजुकेशन बाधित होती हैं। अगर हमें इस सब कुरीतियों पर विजय पानी हैं तो समाज के प्रत्येक माता पिता और हम सबका कर्तव्य बनता हैं वो अपनी बेटियों को जीवन में आगे बढ़ने के लड़कों के समान अवसर दें।

पढ़ने में दिक्कत तो हमें सोचने की जरूरत
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शेरपुर स्कूल की प्रिंसिपल अनुपमा ने कहा शिक्षा ही केवल मात्र एक ऐसा माध्यम हैं जिसके द्वारा हर बच्चा ख़ासतौर लड़कियां जीवन में आगे बढ़ सकती हैं। अगर आप में माता पिता को अपनी पढ़ाई को लेकर मनाने की इच्छा नहीं है तो आपके माता पिता भी आपका साथ नहीं देंगे। जैसा नाटक में सरला अपनी पढ़ाई को लेकर पिता को मनाने के लिए लगातार कोशिश करती रही, वैसे ही हर लड़की को अपनी पढ़ाई के लिए अपने माता पिता को मनाने की कोशिश करनी चाहिए। ब्रेकथ्ररू संस्था की और से गुरुग्राम ज़िले के जिला प्रबंधक नरेश ने कहा, देश की आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी अगर मुनिया और सरला को पढ़ने में दिक्कत है तो इसमें हम सभी को सोचने की बहुत जरूरत है। ये अकेली इन दो लड़कियों की नहीं बल्कि समाज की सभी लड़कियों की कहानी है।

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