राजावास गांव के जीएलएस फार्म हाउस में उड़ा ड्रोन, लोगों की भीड़ 
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने किया ड्रोन तकनीक का उद्घाटन,

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। 
अब किसानों को अपने खेतों में कीटनाशक और दूसरी दवाओं के छिड़काव के लिए जेब ढीली नहीं करनी होगी। ड्रोन तकनीक से अब सस्ती दर पर किसान अपने खेतों को कीटों से बचा सकेंगे। एक एकड़ में कीटनाशक के छिड़काव का खर्च महज 500 रुपये आएगा। पटौदी से सटे गांव राजावास में रविवार को ड्रोन तकनीक का ट्रायल किया गया। जिसका उद्घाटन भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने किया। राजावास गांव के जीएलएस फार्म हाउस में बाकायदा ड्रोन उड़ाकर नई तकनीक का ट्रायल लिया गया, जिसे देखने आसपास के सैंकड़ों लोग जुटे। दावा किया गया कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर किसान बेहतर तरीके से अपनी फसलों में विविध प्रकार के छिड़काव कर संरक्षण करने सक्षम हो सकता है।किसान हितैषी नीतियों के परिणाम

उद्घाटन उपरांत जीएल शर्मा ने कहा कि  देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान हितैषी नीतियों के परिणाम स्वरुप यह  सब आसानी से संभव हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि निसंदेह यह तकनीक किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।  काबिले गौर है कि मानेसर की एक कंपनी में निर्मित ड्रोन रेवाड़ी के बेरली गांव में उपलब्ध होंगे। कंपनी प्रतिनिधियों ने बताया कि एक एकड़ फसल के लिए किसानों को महज 500 रुपये खर्च करने होंगे। पहले की तकनीक से एक एकड़ का छिड़काव 2000 रुपये से का पड़ रहा था और फसलों को नुकसान भी हो रहा था। फसलों को नुकसान से बचाने के लिए यह नई तकनीक कारगर है। इससे पाइप फैलाने का झंझट भी खत्म होगा।पहले 2000 रुपये हो रहा था खर्च

पहले एक एकड़ में खर्च के लिए 2000 रुपये खर्च हो रहे थे। ट्रैक्टर में पानी का टैंक लगाकर तीन लोगों की मदद से छिड़काव किया जा रहा था। इस दौरान खेत में खड़ी फसल के बीच ही पाइप डाली जाती थी और छिड़काव के समय उस पाइप को खींचना पड़ता था। जिससे फसल कई जगह से टूट जाती थी। ड्रोन तकनीक से केवल 500 खर्च कर खेत का छिड़काव किया जा सकेगा और फसल को नुकसान में बचाया जा सकेगा।

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