आध्यात्म के गूढ़ रहस्यों पर हुई चर्चा
आध्यात्मिकता ही सर्व समस्याओं का हल
ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम
ब्रह्माकुमारीज ने किया आयोजन
मोटिवेशनल स्पीकर बीके सूरज ने बताई योग की बारीकियां

21 अगस्त 2022, गुरुग्राम – आज एक तरफ जहाँ अनेक परिस्थितियों के कारण जीवन चुनौतियों से भरा है। दूसरी तरफ मानव मन बहुत कमजोर हो गया है। छोटी-छोटी बातों से व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है। आध्यात्मिक शक्ति ही मात्र एक उपाय है इनसे मुक्त होने का। इन्हीं बातों को देखते हुए ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में एक कार्यक्रम हुआ। दादी प्रकाशमणि ऑडिटोरियम में “वर्तमान परिदृश्य में आध्यात्मिकता की भूमिका” विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ।

संस्था के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे मोटिवेशनल स्पीकर बीके सूरज ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे श्रेष्ठ विचार ही व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। विचार ही भविष्य की आधारशिला हैं। विचार ही मन को सुख और दुःख की अनुभूति कराते हैं। अनेक साधनों के माध्यम से लोग मनोरंजन करते हैं। लेकिन फिर भी मन का रंज बढ़ता ही जा रहा है। बाहरी साधनों से स्थाई सुख-शांति नहीं मिल सकती। असली खुशी आंतरिक स्वरूप की अनुभूति से आती है। ये संसार निरन्तर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उसका प्रभाव खुशी को कम कर देता है। परिवर्तन को स्वीकार करना बहुत जरूरी हैं। जो हमारे हाथ में नहीं हैं, उसकी चिंता नहीं करें। जो हाथ में है उसे अवश्य करें। जीवन में सरलता को अपनाएं। इच्छाएं जीवन को दुःखी बनाती हैं। निराशा के विचार कभी भी न आने दें। सदा आशावादी बनना जरूरी है। आत्मा के अंदर असीमित शक्ति है। आवश्यकता है तो सिर्फ उसे पहचानने की। हमारे पॉवरफुल संकल्प ही ऊर्जा का संचार करते हैं। बीती हुई बातों का चिंतन आत्मिक शक्ति को कमजोर कर देता है।

सुबह उठते ही किए गए श्रेष्ठ विचार अंतर्मन को शक्तिशाली बनाते हैं। वर्तमान की श्रेष्ठ स्थिति ही भविष्य की सीढ़ी है। जैसा हम सोचते हैं वैसा ही स्वरूप बन जाता है। संसार में हो रहे परिवर्तन के मूल में भी हमारे ही विचार हैं। योग के विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वरीय स्मृति ही वास्तव में असली योग है। दैहिक स्मृतियाँ द्वंद पैदा करती हैं। ईश्वरीय याद का आधार आत्मिक स्थिति है।

इस अवसर ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका आशा दीदी ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक मूल्यों को जागृत करना है। आत्मिक शक्ति से ही संस्कारों में दिव्यता आती है। संस्कार परिवर्तन ही संसार परिवर्तन का आधार हैं। कार्यक्रम में 3000 से भी अधिक लोगों ने शिरकत

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