दिनोद धाम जयवीर फौगाट

16 अगस्त, राष्ट्रीय ध्वज भारत के नागरिकों की आशाएं और आकांक्षाएं दर्शाता है। यह हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। उसका मान ही राष्ट्राभिमान है। राष्ट्रध्वज हमें त्याग, क्रांति, शांति एवं समृद्धि जैसे मूल्यों की शिक्षा देता है। यह वचन परम संत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम परिसर में साध संगत के समक्ष ध्वजारोहण के पश्चात फरमाए।

उल्लेखनीय है की आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 वें स्वतंत्रता दिवस को राधास्वामी आश्रम दिनोद और उसकी देश विदेश की सभी शाखाओं में धूमधाम से मनाया गया। पूरे आश्रम को तिरंगों और तीन रंगों की रोशनी से सजाया गया। कंवर साहेब ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर आज हम सब मिलकर हाथ में तिरंगा लेकर यह संकल्प उठाएं कि हम भारत को दुनिया का नंबर देश बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समय है उन शहीदों को याद करने का, जिनकी शहादत और संघर्ष से हमें आजादी मिली। यह उनके सपनों को याद करने का समय है। उन्होंने कहा कि आज जो हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, वह स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद जवानों के त्याग और बलिदान का प्रतिफल है। देश आजादी के 75 वर्षों का साक्षी बन रहा। इन 75 वर्षों में देश ने लंबी यात्रा तय की है।

उन्होंने राष्ट्र सेवा और प्रेम को भक्ति का ही सशक्त रूप बताया। उन्होंने कहा कि एक अच्छे सत्संगी में सबसे पहले राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव होना आवश्यक है। इस अवसर पर गुरु महाराज जी ने राष्ट्र ध्वज फहराया। सभी सत्संग प्रेमियों ने राष्ट्रगान गाया। सभी शाखाओं को तीन रंगों से सजा कर उन्हे राष्ट्र ध्वज का रूप दिया गया।

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