कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा बोली की ये ईडी की जांच से बचने के लिए किया जा रहा है और गृहमंत्री बोले की ये राम मंदिर का विरोध है

6/8/2022 :- ‘कांग्रेस नेताओं द्वारा काले कपडों में महंगाई, बेरोजगारी व अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में किए गए जोरदार विरोध प्रदर्शन पर गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पर विवाद बढता जा रहा है, अमित शाह ने जहां श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के शिलान्यास के दिन इस तरहं के विरोध को कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति बताया वहीं महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सुनीता वर्मा ने उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपनी सरकार की जनविरोधी नीतियों को छिपाने के लिए ये सामाजिक उन्मादि लोग आराध्य राम के पीछे छिपने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होनें प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और देश के गृहमंत्री की बौखलाहट बता रही है की कांग्रेस के प्रदर्शन का तीर सही निशाने पर लगा है, क्योंकि इनकी पोल अब जनता में खुल चुकी है।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि इन्हें केवल कांग्रेस पर आक्षेप लगाने के लिए ही भगवान राम की याद आती है, अगर अमित शाह के अनुसार इस दिन राममन्दिर भूमि का शिलान्यास दिवस था तो क्यों नही इन्होनें इसे सेलीब्रेट किया, क्यों नही मन्दिरों में लाखों दीपक जला कर उत्सव मनाया?, या काले कपडे दिखने पर ही राम का टोटका याद आया। उन्होनें सवाल किया की वो बताएं की राम जन्मभूमि का शिलान्यास का मुहूर्त हिन्दू कैलेंडर विक्रमी संवत देख किए था या अंग्रेजी कैलेंडर देखकर?, क्योंकि रामजन्म भूमि का शिलान्यास श्रावण की तृतीया को किया गया था और कांग्रेस के प्रदर्शन वाला दिन अष्टमी का था। लेकिन आपके बयान ने फिर साबित किया की आप लोग धर्म की आड़ के बिना राजनीति कर ही नही सकते। खैर बारहंवीं के बाद इंटर कराने वाले का ज्ञान इतना ही होता है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रेस के नाम जारी पत्र में बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यदि कांग्रेस राहुल गाँधी के नेतृत्व में काले कपडे पहन कर महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी व अग्निपथ के दुष्प्रभावों को लेकर जनता को राहत दिलाने के लिए प्रदर्शन करे तो इनकी आस्था को चोट पहुंचती है और ये नंगधडंग होकर इसी मुद्दे पर आन्दोलन करें या मोदी काले कपडे पहन कर कुम्भ स्नान करें तो इनकी आस्था का सम्मान होता है, इनकी ये दोगली सोच ही इन्हें कुंठित मानसिकता से पीड़ित साबित करती है। उन्होनें कहा कि अमित शाह के इस बयान से लग रहा है कि वो चाहते हैं की जनता महंगाई को भुल कर धर्म की अफीम चाट कर मस्त रहे और धर्म को ही रोजगार व उत्सव समझे। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ऐसी बेशर्मी भरी गंदी राजनीति मोदी, शाह और आरएसएस वाले ही कर सकते हैं। ये चाहते हैं कि इनके निठल्ले बच्चे बीसीसीआई अध्यक्ष बने और आम जनता के बच्चे मंदिर मस्जिद में उलझे रहें।

वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाने वाले बताएं की देश का खजाना और राष्ट्रीय सम्पत्तियां अपने पूंजीपति मित्रों में बांटना और 400 का गैस सिलेंडर 1100 का करना व बेरोजगार युवाओं को अग्निपथ की आग में धकेलना तुष्टीकरण है या नही? सवाल महंगाई के प्रदर्शन पर था किन्तु इनका जवाब मन्दिर मस्जिद में आया जो इनके हाथ से सत्ता जाने का डर और बौखलाहट दिखा रहा है। उन्होनें कहा कि राम मंदिर का ताला खुलवाने वाली कांग्रेस राम विरोधी और राम मंदिर का चंदा और राम मंदिर की जमीन में घोटाला करने वाली आरएसएस बीजेपी राम भक्त कैसे हो सकती है?

सुनीता वर्मा ने कहा कि भगवान राम तो जनता का हित चाहने वाले थे, लेकिन इनकी निर्ल्लजता देखिए की इस प्रदर्शन को गम्भीरता से लेते हुए जनता को राहत देने के लिए, महंगाई, बेरोजगारी से मुक्ति के लिए व गरीब की थाली में से निवाला छीनने के लिए खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी को वापिस लेने का रास्ता खोजने की बजाये काले कपडों के मुद्दे को धार देने में जुटी है।

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