शहीदों के मामले में कंगाल बीजेपी अपनी शूद्र स्वार्थ पूर्ति हेतु तिरंगे को चढ़ा रही है राजनीति की भेंट
जिस पार्टी के नेता ये बयान देते रहे हों की देश का राष्ट्रीय ध्वज आरआरएस का झन्डा होगा तिरंगा नही, वो लोग हर घर तिरंगा अभियान का कर रहे हैं नाटक !
सुनीता वर्मा

01/01/2022 ‘आज भक्तों की मनोस्थिति व देश के बदहाल हालातों ने समूचे भारत में नफरत व बर्बादी जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। आज राष्ट्रहित व जनहित के ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस सरकार द्वारा अपनी शूद्र महत्वाकांक्षाओं व स्वार्थपूर्ति हेतु तिरंगा का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है। हर घर तिरंगा’ तो ठीक है, काश ‘हर घर रोजगार’ अभियान चलाया होता इस तथाकथित राष्ट्रवादी पार्टी द्वारा।” उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही, उन्होनें बीजेपी द्वारा आयोजित की जा रही ‘हर घर तिरंगा अभियान’ पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होनें आजादी की लड़ाई में भाग नही लिया और 55 साल तक अपने मुख्यालय नागपुर पर तिरंगा नही फहराया, वो तिरंगा और खादी से देश का रिश्ता क्या जानें? अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाली पार्टी जो शहीदों के नाम पर कंगाल है वो तिरंगा के नाम पर आज राष्ट्रभक्ति के सर्टिफिकेट बांट रही है।

वर्मा ने कहा कि जिस पार्टी के नेता ये बयान देते हों की देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नही बल्कि भगवा ध्वज होगा और इस तरहं के बयान को लेकर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही भी न होती हो वो लोग हर घर तिरंगा अभियान चलाने का ड्रामा कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि चीन निर्मित पॉलिएस्टर के बने तिरंगें के आयात की अनुमती देकर ये बीजेपी सरकार ‘हर घर चीनी तिरंगा’ लगाने का प्रबंध कर रही है, उस चीन का जो हमारी भूमि कब्जाए हुए है।

वर्मा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हर सच्चे देशवासी के लिए एक देश – भारत, एक धर्म – तिरंगा, एक किताब – अपना संविधान, एक उद्देश्य – सम्पुर्ण विकास, एक विचार – समाजवाद’ है किन्तु आज की सियासत हिन्दू – मुस्लिम की नफरत के सहारे राष्ट्रीय चिन्हों में भी बदलाव करने पर आमादा है।

कांग्रेस नेत्री ने कहा की बीजेपी के लिए काम कर रहे तमाम छोटे – बड़े स्वयम्भू राष्ट्रभक्त संगठनों ने देश में विकराल रुप धारण कर रही समस्याएं भुखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, नफरत, गरीबी व देश में फैलते नशे – ड्रग्स व सरकारी गुंडागर्दी तथा स्वास्थ्य और शिक्षा के गिरते स्तर के खिलाफ कभी कोई यात्रा अथवा तिरंगा आयोजन नही किया, क्यों? उन्होनें कहा की ‘हर घर तिरंगा’ का आयोजन करने वाली बीजेपी क्या बतायेगी की आरआरएस के मुख्यालय नागपुर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वालों के खिलाफ इन्होंने 2001 में केस नंबर 176 क्यों रजिस्टर कराया था? क्या वो देश को बताएँगें कि 14 दिसंबर 2017 को उदयपुर कोर्ट पर लहराते देश की शान तिरंगे को उतार कर भगवा झंडा फहराने वाले आरएसएस के उन्मादी संगठनों की उस हिमाकत पर ये बीजेपी क्यों खामोश रही, जिसकी वजह से एक बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा भी भड़की थी।

मेक इन ​इंडिया का नारा लगाने वाली भाजपा देश का तिरंगा बनाने के लिए कपड़ा उस चीन से मंगाने जा रही है, जो देश हमारी जमीन कब्जाए हुए है, हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण करने वाले चीनियों को भाजपा हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान भी सौंपने जा रही है। उन्होनें कहा कि हमारे स्वाभिमान, संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक इस तिरंगे झंडे को लेकर बाकायदा कानून है जो कहता है कि भारत का तिरंगा झंडा खादी के कपड़े से ही बनाया जाएगा। लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस नियम को बदल दिया है और तिरंगा बनाने के लिए दुश्मन देश चीन से पॉलिएस्टर का कपड़ा आयात करने की मंजूरी दी है। ये है भाजपा के फर्जी राष्ट्रवाद की सच्चाई।

वर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के पास देश में व्याप्त समस्याओं का कोई इलाज नहीं है। लेकिन जनता का ध्यान बँटाने के लिए उसके पास तमाम तरह के नाटक खेलने का पर्याप्त अनुभव है। इस काम में अपने राजनीतिक मुखौटे भाजपा की मदद के लिए आरएसएस ने तमाम फ्रंटल संगठन बनाये हुए हैं जिनका काम है देशभक्ति के नाम पर ऐसे ही कार्यक्रमों का आयोजन करना ताकी जनता मुख्य मुद्दों को लेकर भ्रमित रहे। ये ‘हर घर तिरंगा’ उसी नाटक का हिस्सा है, उन्होनें बीजेपी सरकार से सवाल करते हुए पुछा कि क्या इन दिनों किसी भारतीय के घर पर तिरंगा नही होगा तो क्या वो परिवार राष्ट्र प्रेमी नही है, क्या वो देशद्रोही है?

कांग्रेस नेत्री ने गोदी मीडिया पर भी तंज कसते हुए कहा कि 2014 से पहले रुपया गिरने के नुकसान बताने वाली मीडिया अब कम होती रुपए की कीमत के फायदे बताने मे जुटी है, इस दलाल मीडिया से इन राष्ट्रहित के मुद्दों पर डिबेट करने की सोचना भी बेमानी है। उन्होनें बीजेपी के हर घर तिरंगा अभियान पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘मंदिर चुप है मस्जिद चुप है, बोल रही है नफरत ……. ज़हर कहां तक पहुंचा, हर घर तिरंगा से तौल रही सियासत

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