गुरुग्राम में नजफगढ़ ड्रेन के साथ लगती हजारों एकड़ भूमि को जलभराव से मुक्त करने के लिए जिला प्रसाशन ने शुरू किए प्रयास

-उपायुक्त ने स्वयं मौका मुआयना कर जीएमडीए के अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
लैग-2 और लैग-3 को नजफगढ़ ड्रेन के साथ कनेक्ट कर, ड्रेन पर बंध बनाने का कार्य किया जाएगा

गुरुग्राम, 21 जुलाई। गुरुग्राम के उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव ने वीरवार को गुरुग्राम में नजफगढ़ ड्रेन के साथ लगती गांव दौलताबाद, धनकोट, खेड़की माजरा, चंदू, बुढ़ेड़ा व धर्मपुर की हजारों एकड़ भूमि को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए किए जाने वाले प्रबंधो का स्वयं मौके पर जाकर जायजा लिया। गौरतलब है कि भविष्य में गुरुग्राम के क्षेत्र में पड़ने वाली ड्रेन की लैग-दो व तीन बरसात के मौसम में ओवरफ्लो ना हो व ड्रेन के साथ लगती भूमि पर जलभराव ना हो, इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन व गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा संयुक्त रूप से धरातल पर आवश्यक ठोस प्रबंध किए जा रहे हैं। डीसी श्री यादव के आज के निरीक्षण दौरे के समय जीएमडीए के अतिरिक्त सीईओ सुभाष यादव, जीएमडीए के इंफ्रास्ट्रक्चर -2 डिवीजन के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित अन्य अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे।

-लैग-2 और लैग-3 को चैनलाइजिड कर नजफगढ़ ड्रेन के साथ कनेक्ट किया जाएगा।
डीसी श्री यादव के गांव धनकोट व धर्मपुर में लैग-2 और लैग-3 के निरीक्षण दौरे के समय जीएमडीए के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि गांव धनकोट से होकर गुजरने वाली लैग-2 और गांव धर्मपुर से होकर गुजरने वाली लैग-3 का ड्रेन के साथ सीधा जुड़ाव ना होने के कारण बारिश के समय दोनों लैग ओवरफ्लो हो जाती है जिसके चलते उपरोक्त गांवों की हजारों एकड़ भूमि जलमग्न हो जाती है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पिछले माह मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई जीएमडीए कि 10वीं बैठक में इस समस्या की विस्तृत रिपोर्ट सहित इसके समाधान पर विस्तार से चर्चा होने के बाद दोनों लैग के करीब चार किलोमीटर के हिस्से को चैनलाइजिड कर नजफगढ़ ड्रेन के साथ कनेक्ट करने की सहमति बनी थी। इस पर जीएमडीए ने समाधान की दिशा में शुरूआती प्रक्रिया आरंभ भी कर दी है। उपायुक्त ने जीएमडीए के अधिकारियों की बात सुनने के बाद स्वयं गांव धर्मपुर में स्थित एक 15 मंजिली रिहायशी सोसाइटी की छत से जलमग्न भूमि का वो हिस्सा भी देखा जहां से आगे पानी की सप्लाई को ड्रेन में भेजने की कोई व्यवस्था नही थी।

-गुरुग्राम की सीमा में ड्रेन के साथ बनाया जाएगा बंध
उपायुक्त ने लैग-2 और लैग-3 का मुआयना करने के बाद गुरुग्राम की सीमा के साथ साथ दिल्ली के छावला में ड्रेन के उस भाग का भी निरीक्षण किया, जहां पानी का अधिक बहाव होने के चलते ड्रेन का पानी ओवरफ्लो होकर खेती की भूमि के साथ साथ रिहायशी क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है। जीएमडीए के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ड्रेन के साथ लगते दिल्ली क्षेत्र में बंध बनने के चलते वहां अब जलभराव नही होता व किसान बिना किसी परेशानी के अपनी खेती कर पा रहे है। ऐसे में जीएमडीए की 10वीं बैठक में मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद गुरुग्राम सीमा में भी जल्द बंध बनाने की दिशा में कार्य शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली के हिस्से में वहां की सरकार द्वारा नजफगढ़ ड्रेन की गाद निकालने का निर्णय लिया गया है जिससे प्राकृतिक रूप से पानी का बहाव तेज हो जाएगा और हमारे यहां जलभराव की समस्या का निदान होगा।

उपायुक्त ने अपने निरीक्षण दौरे के उपरांत जीएमडीए के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे गुरुग्राम की सीमा में जलमग्न हजारों एकड़ भूमि को फिर से खेती योग्य बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में किए जा रहे समाधानों की प्रक्रिया को रफ्तार देते हुए जल्द से जल्द मौके पर कार्य शुरू करें। उपायुक्त ने अधिकारियों को बताया कि विषय की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वयं भी समय समय पर इसका अपडेट ले रहे हैं।

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