सोहना/ बाबू सिंगला 

सोहना नगरपरिषद में करोड़ों रुपये की राशि को रिवाइज ठेके देकर बलि चढ़ा दी है। जिसमें परिषद अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत शामिल है। जिन्होंने निजी स्वार्थ की खातिर टेंडर देने के बाबजूद उनको अपनी मनमर्जी चलाकर उनको ज्यादा राशि के रिवाइज कर दिए थे। जिससे सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया है। ऐसा होने से परिषद विभाग अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवलिया निशान लग रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने उक्त मामले की जाँच निष्पक्ष एजेंसी से कराने की माँग की है। बता दें कि उक्त राशि परिषद कोष से खर्च की गई है। 

विदित है कि सोहना नगरपरिषद अपनी कारगुजारियों के लिए चर्चित है। परिषद में समय समय पर अनियमितताएं व घोटाले होते रहे हैं। जिससे सरकारी व परिषद कोष का जमकर दुरुपयोग किया गया है। किंतु सरकार व प्रशासन की गाज आज तक भी नहीं गिर सकी है और न ही किसी प्रकार की कार्यवाही अमल में लाई गई है। बीते वर्ष भी परिषद अधिकारियों ने ठेकेदारों से आपसी सांठगांठ करके सरकारी कोष का जमकर दुरुपयोग किया है। जिन्होंने आवंटित टेंडरों को रिवाइज करके ठेकेदारों को दे दिया था। उक्त क्रम विभाग में कई वर्षों से चल रहा है। जिससे परिषद विभाग के करोड़ों रुपये की राशि का दुरुपयोग हुआ है। हैरत की बात है कि उक्त राशि को अधिकारियों ने ठेकेदारों को कोष से निकाल कर वितरित भी कर डाला है। उक्त कार्य में परिषद अधिकारियों व ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत की बू आ रही है। 

कैसे होता है यह खेल

परिषद विभाग समय समय पर विकास कार्यो को कराने के टेंडर ठेकेदारों को आवंटित करता है। जिसकी टेंडर राशि निर्धारित होती है। किंतु परिषद कोष को हड़पने के लिए ठेकेदार विभाग अधिकारियों से सांठगांठ करके आवंटित टेंडरों को रिवाइज कराते हैं। जो असल टेंडर से कई गुना ज्यादा राशि का होता है। जिसके रिवाइज होने से अधिकारियों का कमीशन व ठेकेदारों के मुनाफा बढ़ जाता है। और जिनको आसानी से पेमेंट जारी कर दी जाती है। 

नगरपरिषद कोष हुआ खाली

टेंडर रिवाइज किये जाने के गोरख धंधे से परिषद का कोष खाली हो गया है। विभाग ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने व निजी स्वार्थ की खातिर परिषद खजाने को समाप्त करके खाली कर डाला है। जिसके चलते कर्मचारियों का वेतन देने के लाले पड़ रहे हैं। 

सरकार की नजर हुई टेढ़ी

गुरुग्राम नगर निगम में घटित घोटालों पर कार्यवाही के बाद सरकार की नजर अब सोहना नगरपरिषद पर डलनी शुरू हो गई है। सरकार गुप्त रूप से परिषद में घटित घोटालों व अनियमितताओं को लेकर गंभीर है। तथा समस्त जानकारियाँ अपने स्तर पर खंगालने में जुट गई है। जिसके चलते दर्जनों निवर्तमान व वर्तमान अधिकारियों के नपने के आसार हैं। जिन्होंने सरकारी कोष का मनमर्जी चलाकर दुरुपयोग किया है। 

क्या कहते हैं नागरिक

सोहना कस्बे के प्रबुद्ध नागरिकों क्रमशः योगी समाज प्रधान सुरेंदर योगी, एडवोकेट अनुराग जिंदल, समाजसेवी आनंद गर्ग, कांग्रेसी नेता सतबीर खटाना, ज्ञानेंद्र खटाना, सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक वर्मा, शिव कुंड कमेटी पूर्व प्रधान आदर्श गुप्ता, लायंस क्लब प्रधान प्रदीप गुप्ता, नवीन गोयल, राजू मित्तल आदि ने सरकार से रिवाइज ठेकों के मामले की जाँच करके दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा है। जिन्होंने अपनी मनमर्जी से परिषद कोष का दुरुपयोग किया है।

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