उच्चतम न्यायालय ने प्रिंस के पिता की याचिका को किया खारिजआरोपी को नाबालिग मानकर ही चलेगा केस गुडग़ांव, 13 जुलाई (अशोक) : जिले के एक निजी स्कूल की कक्षा दूसरी के एक मासूम छात्र प्रिंस की वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में नाबालिग छात्र जो उस समय करीब साढ़े 16 साल का था, सीबीआई ने गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था। तभी से वह वहां पर है। मृतक छात्र के पिता ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि आरोपी भोलू अब बालिग हो गया है, उसके मामले की बालिग आरोपी के रुप में सुनवाई की जाए। बुधवार को उच्चतम न्यायालय की बैंच ने मृतक के पिता की याचिका को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया कि आरोपी भोलू का मामला नाबालिग आरोपी के रुप में अदालत सुने। उच्चतम न्यायालय ने गत 14 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद पीडि़त पक्ष की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को सुना दिया। आरोपी भोलू इस समय फरीदाबाद के जुवेनाईल होम में है। कुछ समय पहले तक उसे करनाल के बाल सुधार गृह में भी रखा गया था। गौरतलब है कि भोलू पर जघन्य अपराध के आरोप लगे होने के कारण जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड ने भोलू को वयस्क मानकर ट्रायल चलाने का फैसला दिया था। जुवेनाईल बोर्ड के फैसले को जिला अदालत ने भी बरकरार रखते हुए उसके मामले को वयस्क आरोपी के रुप में ट्रायल चलाने का आदेश दिया था। जुवेनाईल बोर्ड व जिला अदालत के फैसले को आरोपीपक्ष ने पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड को पुनर्विचार करने के आदेश दिए थे। उच्च न्यायालय के इस फैसले को मृतक के पिता ने नवम्बर 2018 में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय नेपीडि़त पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए याचिका पर सुनवाई की थी और उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक कोई भी निर्णय देने पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय की डबल बैंच ने मामले की सुनवाई करतेहुए गत 14 मार्च को पीडि़त पक्ष की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने अब सुना दिया है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।जब परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। जब सीबीआई ने अपने तरीके से मामले की जांच की तो स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण कर रहे 11वीं के छात्र भोलू को प्रिंस की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। जो अभी भी बाल सुधार गृह में है। परिचालक अशोक को सीबीआई ने इस मामले में क्लीनचिट देते हुए निकाल दिया था। Post navigation गुरु उत्तराधिकारी बनना आसान, गुरु स्थान पाना असंभव – धीरज गिरी छात्र की हत्या, परिजनों ने लगाया सहपाठियों पर हत्या का आरोप