देश की चौथी नेशनल साईंस सिटी होगी गुरूग्राम में विकसित, अधिकारियों ने किया विचार विमर्श

मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने जगह चिन्ह्ति करने के लिए ली अधिकारियों की बैठक
केंद्र व राज्य सरकार मिलकर बनाएंगी नेशनल साईंस सिटी

गुरुग्राम, 12 जुलाई। गुरूग्राम में एनसीआर के लिए नेशनल साईंस सिटी विकसित करने को लेकर मंगलवार को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने वीडियों कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में साईंस सिटी विकसित करने के लिए विचार विमर्श के दौरान दो स्थानों नामतः गुरूग्राम में पुरानी दिल्ली रोड़ पर आईडीपीएल प्लांट वाली जगह तथा मानेसर के पास हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा अधिग्रहित भूमि का निरीक्षण करने पर सहमति बनी। यह साईंस सिटी लगभग 50 ऐकड़ भूमि पर विकसित करने की योजना है और बताया गया कि एनसीआर क्षेत्र के लिए विकसित की जाने वाली यह नेशनल साईंस सिटी कोलकाता की साईंस सिटी से भी बेहत्तर होगी।

मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने नेशनल साईंस सिटी गुरूग्राम में विकसित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने को लेकर आज की यह बैठक बुलाई थी। इस बैठक में गुरूग्राम व आसपास के कई स्थानों के बारे में विचार विमर्श हुआ और इस बात पर सहमति बनी कि आईडीपीएल प्लांट वाली जगह तथा मानेसर के पास एचएसआईआईडीसी की उपलब्ध भूमि का निरीक्षण करने उपरांत अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसमें प्रमुखता मानेसर के पास वाली जमीन को दी जा रही है क्योंकि यह राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-48 (दिल्ली-जयपुर हाईवे) तथा केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पड़ती है जिससे लोगांे को वहां पहंुचने में आसानी होगी। गुरूग्राम के अलावा दिल्ली, झज्जर, बहादुरगढ़, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, सोनीपत, रोहतक आदि जिलों और यहां तक कि राजस्थान की ओर से भी लोग आकर नेशनल साईंस सिटी का लाभ उठा पाएंगे। यही नहीं, मानेसर में साईंस सिटी विकसित होने से उस क्षेत्र का महत्व और बढ जाएगा। मानेसर वर्तमान में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में जाना जाता है और नेशनल साईंस सिटी बनने के बाद उसकी पहचान में एक नया पहलु जुड़ जाएगा। अभी तक देश में कलकता, जलंधर और अहमदाबाद में तीन साईंस सिटी बनी हुई हैं। गुरूग्राम में बनने वाली यह साईंस सिटी देश की चौथी साईंस सिटी होगी और एनसीआर क्षेत्र में पहली।

यह नेशनल साईंस सिटी केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाएगी। राज्य सरकार के विज्ञान और प्रोद्यौगिकि विभाग, संस्कृति विभाग तथा हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के अधिकारी इसको विकसित करने में शामिल होंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के बच्चो व अन्य युवाओं को विज्ञान के बारे में किताबों के साथ साथ व्यवहारिक जानकारी देने के उद्देश्य से साईंस सिटी विकसित की जा रही है ताकि वे विज्ञान संबंधी तथ्यों को बारिकी से समझ सकें।

हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के अधिकारी डा. सुल्तान सिंह ने बताया कि साईंस सिटी मे खेल खेल में विज्ञान व गणित के व्यवहारिक ज्ञान को सिखाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक संख्या में बच्चे व अन्य लोग वहां पहुंचकर विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर कर सकें। इसमें एक बड़ा साईंस म्यूजियम बनाया जाएगा जिसमें साईंस गैलरी, थीम बेस्ड गैलरी, विज्ञान के अलग-अलग साईंटिफिक प्रिंसीपल, डिजीटल प्रणाली, गणित संबंधी विषयो सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इसमें किसी भी विषय को समझने संबंधी व्यवहारिक ज्ञान देने पर बल दिया जाएगा। कक्षाओं में दिया जाने वाला ज्ञान केवल किताबी ज्ञान होता है जबकि साईंस सिटी में किताबी ज्ञान का प्रैक्टिीकल डैमोस्ट्रेशन करके दिखाया जाएगा ताकि बच्चे उसे आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि साईंस सिटी की खास बात यह है कि इसमें केवल बच्चे ही नही बल्कि महाविद्यालयों व युनिवर्सिटी के बच्चों व आम आदमी भी विज्ञान को आसानी से समझ सकता है। साईंस सिटी में विज्ञान के प्रिंसीपल व्यवहारिक तरीके से वर्णित व परिभाषित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कई बार व्यक्ति को विज्ञान संबंधी अनेको प्रकार के संशय होते है जिन्हें साईंस सिटी में दूर किया जाएगा। साईंस सिटी में इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन(इसरो) की वैज्ञानिक सुविधाओं को भी विकसित किया जाने की योजना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि सैटेलाइट धरती की फोटो कैसे लेती है, इसे प्रौसेस करना, इससे प्लानिंग, सैटेलाइट का ऑरबिट में जाना तथा इसे लांच कैसे किया जाता है आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मानना है कि साईंस सिटी बनने से प्रदेश के बच्चों के साथ साथ आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। इससे एक तरफ बच्चे जहां विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर कर सकेंगे, वहीं दूसरी ओर इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

इस वीडियों कॉन्फें्रसिंग बैठक में चण्डीगढ़ में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल के साथ नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ऐ के सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरूण गुप्ता, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक चंद्र शेखर खरे उपस्थित रहे जबकि गुरूग्राम में उपायुक्त निशांत कुमार यादव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी विकास ढांडा, वन मण्डल अधिकारी राजीव तेजयान, हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुल्तान सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान उपस्थित रहे।

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