आरोपियों के कब्जा से 01 साईकिल व खुन सने कपड़े बरामद.मृतक की पहचान गाँव भुरथल जाट जिला रेवाड़ी निवासी .खोह मानेसर में साईकिल का खेल दिखाने के लिए पहुंचा फतह सिंह उजालागुरूग्राम। 07. जुलाई गुरूवार को पुलिस थाना सैक्टर-7 आई.एम.टी. मानेसर की पुलिस को सूचना मिली कि गाँव खोह में नजदीक सरकारी स्कूल के पास साइकिल का खेल करने वालों का आपस में झगड़ा हो गया तथा एक व्यक्ति खून में लथपथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। इस सूचना पर थाना सैक्टर-7 आई.एम.टी. मानेसर, गुरुग्राम की टीम तुरन्त घटनास्थल पर पहुंच गई जहां पर एक व्यक्ति का शव खून से लथपथ जमीन पर पङा हुआ मिला, जिसके माथे व सिर पर पीछे की तरफ चोटों के गहरे घाव थे तथा गले में कपड़ा लिपटा हुआ था। शव के पास खून लगा भारी पत्थर भी पड़ा हुआ मिला। मृतक की पहचान गाँव भुरथल जाट जिला रेवाड़ी निवासी रामचरण, उम्र 30 वर्ष के रुप में हुई। मृतक के पिता ने बताया कि इसका बेटा रामचरण साइकिल चलाकर खेल/करतब दिखाकर जीवन यापन करता था। करीब 4/5 दिन पहले इनके गांव के देवदत्त उर्फ देव व धर्मवीर उर्फ काले के साथ गाँव खोह मानेसर जिला गुरुग्राम में साईकिल का खेल दिखाने के लिए आया था। देवदत्त उर्फ देव व धर्मवीर उर्फ काले ने इसके बेटे रामचरण को सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। इस सम्बन्ध में थाना आइएमटी मानेसर, में मामला दर्ज किया गया। इस मामले में थाना सैक्टर-7, आई.एम.टी. मानेसर, गुरुग्राम के उप-निरीक्षक श्यामसुन्दर ने ’देवदत्त उर्फ देव, उम्र 20 वर्ष तथा धर्मवीर उर्फ काले, उम्र 30 वर्ष’ को 07. जुलाई को ही हयातपुर रोङ से काबू करके नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये दोनों व मृतक रामचरण साथ मिलकर साईकिल का खेल करके रुपए कमाते है। कुछ दिनों पहले खेल के दौरान आरोपी धर्मबीर के साथ मृतक का झगङा हुआ था, जिसकी रंजीश रखते हुए दिनांक 06/07. जुलाई की रात को इन्होनें रामचरण (मृतक) की हत्या करने की नियत से उसके साथ बैठकर शराब पी तथा पत्थर से उसके सिर पर चोटें मारकर उसकी हत्या कर दी तथा ये दोनों साईकिल पर सवार होकर वहां से भाग गए। आरोपियों द्वारा ’भागने में प्रयोग की गई साईकिल व आरोपियों द्वारा वारदात के समय पहने हुए कपङे (खून से सने हुए) भी बरामद’ किए है। आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है। Post navigation अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण पर निगम ने की कार्रवाई भाजपाईयों ने क्या देखा नहीं अंजू देवी का सर्टिफिकेट !