अगली सुनवाई 17 अगस्त को

सोहना बाबू सिंगला 

नवनिर्वाचित चेयरपर्सन अंजू देवी

सोहना नगरपरिषद की नवनिर्वाचित चेयरपर्सन अंजू देवी की कुर्सी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। माननीय हाईकोर्ट ने शैक्षणिक योग्यता को लेकर गम्भीर रुख अपना लिया है। तथा 28 दिनों के अंदर जवाब तलब करने के फरमान जारी किए हैं। सरकार निर्धारित अवधि में शैक्षणिक योग्यता का स्पष्टीकरण अदालत के समक्ष रखेगी। ऐसा होने से नवनिर्वाचित चेयरपर्सन अंजू देवी शपथ नहीं ले सकेंगी। तथा परिषद प्रशासन की बागडोर एसडीएम ही संभालेंगे। मामले में आगामी सुनवाई के लिए अदालत ने 17 अगस्त की तारीख तय कर दी है। वहीं उक्त मामले के घटित होने से भाजपाइयों में मायूसी है। जो जीत हासिल होने पर भी जश्न मनाने में असमर्थ हैं। 

ललिता

सोहना नगरपरिषद चेयरपर्सन अंजू देवी की जीत हार में बदलने के आसार प्रबल रूप से मुखर होने लगे हैं। आरोप है कि अंजू देवी ने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर जीत हासिल की है। जिसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हो चुका है। अंजू देवी ने भाजपा पार्टी से चेयरपर्सन पद का चुनाव लड़ा था तथा आम आदमी पार्टी उम्मीदवार ललिता को करीब 1800 मतों से शिकस्त दी थी। किंतु नवनिर्वाचित चेयर पर्सन अंजू देवी के शपथ लेने से पूर्व ही मामला माननीय हाईकोर्ट में पहुंच गया है। विरोधी उम्मीदवार ललिता ने अंजू देवी की शैक्षणिक योगिता पर सवाल उठाकर न्याय की गुहार लगाई है। ललिता ने माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर करके नामांकन पत्र में जमा किए गए शैक्षणिक दस्तावेजों को फर्जी व बोगस करार दिया है। याचिका में आप उम्मीदवार ललिता ने हरियाणा सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रतिवादी पक्ष बनाया है। बता दें कि सोहना नगर परिषद चेयर पर्सन की सीट अनुसूचित वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। वही शुक्रवार को माननीय हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को 28 दिनों के भीतर शैक्षणिक योग्यता का स्पष्टीकरण किए जाने पर जवाब तलब किया गया है। जिसकी अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

चेयर पर्सन शपथ से वंचित

मामला माननीय हाईकोर्ट में पहुंच जाने से नवनिर्वाचित चेयर पर्सन अंजू देवी शपथ नहीं ले सकेंगी। जिनको मामले के निपट जाने तक इंतजार करना होगा। नगर परिषद प्रशासन की बागडोर एसडीएम सोहना ही संभाल सकेंगे। इसके अलावा नगर परिषद उप चेयरमैन की नियुक्ति भी संभव नहीं हो सकेगी।

भाजपाइयों में खलबली

सोहना नगर परिषद चेयर पर्सन चुनाव का मामला माननीय हाईकोर्ट में जाने से भाजपा नेताओं में खलबली व बेचैनी व्याप्त है। जो अपनी खुशी का इजहार करने में भी असमर्थ साबित हो रहे हैं तथा कुछ भी बताने से हिचक रहे हैं। चुनाव में भाजपा नेताओं ने जमकर जी तोड़ मेहनत करके अपनी पार्टी की उम्मीदवार को जीत दिलाई थी किंतु उक्त जीत चंद दिनों में ही धराशाही होकर रह गई है। हैरत की बात है कि नामांकन पत्र दाखिल करते समय किसी भी भाजपा नेता ने दस्तावेजों की जांच तक नहीं की थी। जबकि नामांकन के दौरान कई वरिष्ठ भाजपा नेता गण भी मौजूद रहे थे।

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