-एसडीएम की अध्यक्षता में 21 दिन में 66 आरडब्ल्यूए व सोसाइटियों की होगी जांच
-जांच में यदि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सुचारु नहीं मिला तो लगेगा जुर्माना
गुरुग्राम, 07 जुलाई। जिला में जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने व आगामी मॉनसून के मद्देनजर जिला की विभिन्न आरडब्ल्यूए व सोसाइटी में स्थापित जल संरक्षण संरचनाओं की कार्यात्मक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में डीसी श्री यादव ने गुरुजल सोसाइटी सहित विभिन्न विभागों द्वारा जिला में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने उपरान्त अपने संबोधन में कहा कि जिला में गिरता भूजल स्तर वर्तमान सहित आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर समस्या है। इसके लिए हमें धरातल पर ठोस प्रयास करने होंगे। ऐसे में वर्षा जल संरक्षण के लिए निर्धारित नियमों व आदेशों की पालना ना करने वाले व्यक्ति अथवा संस्थान के विरुद्ध कानून के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
-डीसी ने चारों एसडीएम की अध्यक्षता में गठित की चार टीमें
उपायुक्त ने बैठक में जिला के चारों एसडीएम की अध्यक्षता में चार टीमें गठित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी एसडीएम संयुक्त रूप से आगामी 21 दिनों में 66 आरडब्ल्यूए व सोसाइटी के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएचएस) की कार्यक्षमता की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि वे सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं या नही। जांच के दौरान यदि किसी आरडब्ल्यूए अथवा सोसायटी में आरडब्ल्यूएचएस नहीं पाए जाते हैं या निष्क्रिय मिलते हैं तो संबंधित आरडब्ल्यूए और सोसायटी को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच टीम में गुरुजल टीम के साथ जल संसाधन एवं सिंचाई विभाग, जिला नगर योजना विभाग, नगर निगम, परिषद और समिति सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल रहेंगे।
गौरतलब है कि उपायुक्त ने जिला में वर्षा जल संरक्षण के दृष्टिगत गुरुग्राम जिला के नगर निगम, एचएसवीपी, डीटीसीपी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आवासीय भवनों, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, संस्थानों, स्कूलों, होटलों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के नाम मई माह के पहले सप्ताह में लिखित आदेश जारी करते हुए उपरोक्त सभी इकाइयों में 15 जून तक अपने परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएचएस) को सुचारु करना सुनिश्चित करने व जहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित करने की आवश्यकता है, वहां उसे स्थापित करवाने के आदेश दिए थे।
डीसी ने जिला के नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि गुरुग्राम शहर और उसके आस-पास के क्षेत्र में भूजल संसाधन को और कम होने से बचाने के लिए वर्षा जल संचयन संरचनाओं के समुचित कार्य को सुनिश्चित करना आवश्यक है जिसमें रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर शामिल है। उन्होंने कहा कि जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल जल को बचाने के लिए सभी जिलावासियों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे।
बैठक में जिला परिषद की सीईओ अनु श्योकंद, गुरुग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित गुरुजल सोसाइटी के सदस्य व अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।