7500 सूक्ष्म सिंचाई प्रदर्शनी का लोकार्पण किया मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने.
भावी पीढ़ी के लिए पानी बचाना बहुत जरूरी- मनोहर लाल

चंडीगढ़ , 28 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा कोविड-19 के दौरान 2 साल पहले आरम्भ की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के परिणाम जमीनी स्तर पर आने आरंभ हो गये है । आज मुख्यमंत्री ने पंचकूला से 7500 सूक्ष्म सिंचाई प्रदर्शनी योजनाओं का लोकार्पण किया।

सूक्ष्म सिंचाई और नहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सूक्ष्म सिंचाई के पांच मोबाईल वैनो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इसके साथ साथ सभी जिलों से दो-दो वाहनों को आज रवानगी भी की ताकि आम जनता को जल संरक्षण व जल सर्वद्धन का संदेश दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल ही जीवन है और हमें भावी पीढ़ी के लिये जल बचाकर रखना होगा । यह आज चुनौती बन गया है । उन्होंने कहा कि तीसरा विश्वयुद्ध शायद जलयुद्ध ही होगा। इसलिये हमें पानी के हर बूंद का उपयोग करना होगा। कहा भी गया है कि बंूद से बंूद से घड़ा भरे और बंूद बंूद से सागर भरता। इसी को ध्यान रखते हुये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वन ड्रोप मोर क्रोप का आह्वान किया था और मुझे खुशी है कि हरियाणा ने प्रधानमंत्री के इस विजन को आगे बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि आज तकनीक के युग में सिंचाई विधि में नये नये उपयोग शुरू हो गये। सूक्ष्म सिंचाई में टपका, फव्वारा ऐसी व्यवस्था है, जिससे हम अधिक से अधिक पानी को बचा सकते है और साथ ही अच्छी पैदावार ले सकते हैं । पानी के दो पक्ष हैं एक पीने का पानी और दूसरा सिंचाई के लिये पानी। पीने के पानी की तो हम बचत नहीं कर सकते । कई बार डाॅक्टर भी हमें अधिक पानी पीने के लिये सलाह देते है परंतु सिंचाई में अधिक पानी लगता है इसलिये हमें इसका उपयोग सूक्ष्म सिंचाई जैसी योजना से करना होगा। धान, कपास व गन्ना में अधिक पानी लगता है। कृषि विज्ञानी कहते हैं कि एक किलो चावल तैयार होने में 3 हजार से अधिक लीटर पानी की जरूरत होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1960 के दशक में जब देश में खाद्यानों की कमी महसूस की गई थी तो उस समय हरित क्रांति का नारा दिया गया था और पंजाब व हरियाणा के किसानों ने हरित क्रंाति में सबसे बड़ा योगदान दिया और देश को खाद्यानों में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद्यानों के अधिक उपयोग व भूजल के दोहन के कारण हम खाद्यानों के मामलों में आत्मनिर्भर बन गये परंतु आज हमें दूसरे विकल्प की ओर जाना होगा। सूक्ष्म सिंचाई भी उस दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले कोरोना के काल के दौरान आरंभ की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के प्रति किसानो का रूझान बढ़ा है और प्रदेश के धान बाहुल जिलों में किसानों ने धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसले उगाना आरंभ किया है । उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुये खुशी है कि पहले वर्ष में 98 हजार एकड़ में धान के स्थान पर अन्य फसले उगाई गई और इस बार 2 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया है।

पानी से कीमती कोई चीज नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्वविदित है कि पानी से कीमती कोई चीज नहीं है। भावी पीढी को अगर हम जमीन के साथ साथ पानी की विरासत भी देकर जायें तो इससे बड़ा कोई पुण्य का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 200 जल शोधन संयंत्र संचालित हैं और 50 प्रतिशत से अधिक शोधित पानी का दुबारा प्रयोग सिंचाई व अन्य कार्यों में कर रहे हैं। प्राकृतिक जल स्त्रोतो को भी बचाना होगा, इसके लिये हमें वृक्षारोपण, बांध इत्यादि बनाने होंगे परंतु पानी को हम पैदा नहीं कर सकते है। जो पानी उपलब्ध है, उसी का प्रयोग हमें सावधानीपूर्वक करना होगा। मुख्यमंत्री ने इजाराईल का उदाहरण देते हुये कहा कि इजाराईल विश्व का ऐसा देश है, जहां पानी की बहुत किल्लत है और पूरी खेती टपका सिंचाई से की जाती है। हरियाणा सरकार ने भी इजराईल के साथ साथ जल संरक्षण एवं फल एवं सब्जी उत्कृष्ट केंद्र के कई समझौते किये हैं । उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में हमें इजराईल देश का अनुसरण करना चाहिये।

प्रधानमंत्री के विजन को साकार किया हरियाणा ने
उल्लेखनीय है कि जल संरक्षण के लिये जल शक्ति अभियान से लेकर अन्य योजनाओं जैसे की हर घर नल से जल व अन्य जल संरक्षण की योजनाओं को हरियाणा ने समय से पहले शुरू किया है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अलावा सूक्ष्म सिंचाई और नहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा तालाब प्राधिकरण भी जल संरक्षण की विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के उत्कृष्ट प्रबंधन पर हमें चलाना होगा। हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां पर नहरी पानी की उपलब्धता कम है हमारे यहां केवल यमुना ही एक नदी है, जिससे हमें पानी मिलता है ।

’’सूक्ष्म सिंचाई अभियान कम पानी से समृद्ध किसान’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जल संरक्षण हमारे लिये चुनौति बन गया है। देश के प्रधानमंत्री इस बारे चिंतित है और सभी राज्यों में जल संरक्षण को क्रियान्वित करने की योजनायें बनाई जा रही है। उन्होनंे कहा कि 85 प्रतिशत पानी का उपयोग हम खुली सिंचाई में करते है और उसी को हमें कम करना है।

सिंचाई एवं जल साधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने अपने स्वगतीय संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप विभाग जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बारे में लोग कहते थे कि हवा और पानी यहां खुला मिलता है पर अब हमें सोच बदलने की आवश्यकता हैं। प्रदेश के 142 ब्लाॅक में से 85 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए है, जहां पर पानी 100 मीटर से भी नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन पर आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार में  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री की मेरा पानी मेरी विरासत योजना की सराहना की थी  और पानी के प्रबंधन पर विस्तार से प्रकाश डाला था। हरियाणा का किसान कर्मठ व क्रंांतिवीर है। प्रदेश के 35 लाख हेक्टेयर में से 11.12 प्रतिशत में ही सूक्ष्य सिंचाई होती है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण, संर्वद्धन व प्रबंधन  पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने जितना कार्य किया है, उतना किसी ने नहीं किया ।

सूक्ष्य सिंचाई एवं नहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद किया और कहा कि 1 एकड़ धान से ड्रिप सिंचाई में स्थानांतरित करके पानी बचाने से 5 व्यक्तियों के परिवार को एक महीने के लिए पीने के पानी की आपूर्ति होती है। इस प्रकार हम न केवल स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे बल्कि पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराएंगे ।

मुख्यमंत्री ने सभागार के उपस्थित किसानों के अलावा धान  लगा रहे किसानों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से सीधा संवाद किया और प्रसन्नता जाहिर की कि तकनीकी के युग में खेतों से ही किसान से बातचीत संभव हुई है और उन्होंने किसानों का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने सूक्ष्म सिंचाई की परियोजनाओं को अपनाया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मिकाडा के पोर्टल को भी लांच किया।
समारोह में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल, सांसद रतनलाल कटारिया, नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल, सूक्ष्य सिंचाई एवं नहरी विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष केशनी आनंद अरोड़ा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ सुमिता मिश्रा, महानिदेशक डाॅ हरदीप सिंह, उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।