बड़ी श्रद्धा भावना से मनाया गया माँ जगदम्बा का स्मृति दिवस….. ब्रह्माकुमारीज ने किया कार्यक्रम का आयोजन

स्नेह और शक्ति का अवतार थीं मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती

24 जून 2022, गुरुग्राम – ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 57 वाँ स्मृति दिवस बड़ी श्रद्धा भावना से मनाया गया। संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका रही मातेश्वरी का जीवन स्नेह और शक्ति का अवतार था। सन 1920 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्मी मां जगदम्बा ने 24 जून 1965 को अपनी नश्वर देह का त्याग किया। 16 वर्ष की छोटी आयु से ही आपने अपना सम्पूर्ण जीवन ईश्वरीय सेवा में समर्पित किया। सत्यता, ईमानदारी, वफादारी, जिम्मेवारी और कर्तव्यनिष्ठा जैसे महान गुणों ने आपको विशेष बना दिया।

सदा ही निश्चिंत और निर्भय रहती थी मातेश्वरी जगदम्बा

संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने माँ जगदम्बा के साथ का अनुभव साझा करते ही कहा कि मातेश्वरी जी का जीवन सादगी सम्पन्न था। उनका जीवन आज भी हमारे लिए एक आदर्श उदाहरण है। उनके सम्मुख जाते ही मन को गहन शांति की अनुभूति होती थी। मातेश्वरी जी स्नेह की ऐसी प्रतिमूर्ति थी, जो उनकी माँ भी उनको माँ कहती थी। वो सदा निश्चिंत और निर्भय रहती थी।

दुनिया की कोई भी चीज आकर्षित नहीं कर सकती थी मातेश्वरी को

ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने कहा कि मातेश्वरी का जीवन एक खुली किताब की तरह था। उनका व्यक्तित्व पारदर्शी था। वो सदा ही तपस्वीमूर्त बनकर रहीं। दुनिया की कोई भी चीज उनको आकर्षित नहीं कर सकती थी।

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