आईआईसीए मानेसर में 12 जून को कारपोरेट कंपनियां प्रदर्शित करेंगी अपनी बैस्ट प्रैक्टिसिज

अमृत काल में प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वेनेंस पर आधारित होगा कार्यक्रम
कारपोरेट जगत के विख्यात विशेषज्ञ लेंगे पैनल चर्चाओं में भाग , अमृत काल में कारपोरेट के स्वरूप पर होगा मंथन

गुरुग्राम 9 जून। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स द्वारा रविवार 12 जून को ‘प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वनेंस ‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है जिसमें कारपोरेट कंपनियां अपनी इनोवेटिव तकनीक की बेस्ट प्रैक्टिसिज का प्रदर्शन करेंगी। इसके लिए उस दिन आईआईसीए परिसर में कंपनियों द्वारा प्रदर्शनी लगाई जा रही है। प्रदर्शनी को देखकर दूसरी कारपोरेट कंपनियां तथा एमएसएमई ईकाईयां उन बैस्ट प्रैक्टिसिज को अपनाने की प्रेरणा दे सकती हैं। साथ ही वे अपने सीएसआर फंड को और प्रभावी ढंग से प्रयोग करने, जिससे कि धरातल पर सकारात्मक बेहतरी नजर आए, की सीख भी ले सकती हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए)के महानिदेशक श्री प्रवीण कुमार ने बताया कि रविवार को यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में किया जा रहा है। इसमें केन्द्रीय कारपोरेट मामलों के राज्यमंत्री तथा गुरूग्राम के सांसद राव इन्द्रजीत सिंह मुख्य अतिथि होंगे और कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव श्री राजेश वर्मा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

उन्होंने उस दिन के कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद 3 पैनल चर्चाओं का आयोजन होगा। पहली चर्चा ईएसजी अर्थात् एन्वायरमेंटल सोशल गर्वनेंस को मजबूत करने की दिशा में प्रभावशाली सीएसआर , दूसरी चर्चा का विषय है महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता और समावेशन तथा तीसरी चर्चा का विषय है कारपोरेट गर्वनेंसः भारत के लिए विकसित दृष्टिकोण। पैनल चर्चा के दौरान उद्योग और कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षा क्षेत्र के प्रख्यात वक्ताओं द्वारा अपने विचार रखे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आईआईसीए द्वारा 2047 तक के अमृतकाल में कारपोरेट गर्वनेंस का स्वरूप क्या होगा , इस विषय पर करवाई गई निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की जाएगी और उन विजेताओं से अपने विचार व्यक्त करने के लिए कहा जाएगा। श्री कुमार ने बताया कि रविवार को आईआईसीए परिसर में नीति आयोग , डीपीई , यूनिसेफ के सहयोग से ‘ईएसजी-सीएसजी बैस्ट प्रैक्टिसिज ‘ विषय पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमे पैन इंडिया की प्रख्यात संस्थाएं व संगठन अपनी इनोवेटिव तकनीक का प्रदर्शन करेंगी। साथ कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिल्टी (सीएसआर) का प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करते हुए जमीनी स्तर पर सुधार लाने के प्रयासों को भी सांझा करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में 26 संस्थाएं भाग लेंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि सीएसआर बैस्ट प्रैक्टिसिज पर आधारित पुस्तक संग्रह का भी राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह द्वारा लोकार्पण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रथम सत्र ‘ कारपोरेट गर्वनेंसः इवोलविंग विजन ऑफ न्यू इंडिया‘ विषय पर आधारित होगा। इसमें कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के ज्वाइंट सैक्रेटरी इन्द्रजीत सिंह धारीवाल के अलावा आईआईएम कलकत्ता के प्रोफेसर रहे आशीष भट्टाचार्य और बोइंग इंडिया के निदेशक डा. अखिल प्रसाद चर्चा में भाग लेंगे। दूसरी पैनल चर्चा ईएसजी अर्थात् इन्वायरमेंटल सोशल गर्वनेंस को मजबूत करते हुए प्रभावशाली सीएसआर‘ विषय पर होगा जिसमें नीति आयोग के डिप्टी एडवाइजर एसपी मुनिराजु , डिलोयट से डा. इन्द्रजीत सिंह , आक्टस ईएसजी की प्रबंध निदेशक नमिता विकास, यूनिसेफ से सब्रजीत एस सहोटा , एनआईपीएफटी के सहायक प्रोफेसर डा. सुरनजलि टंडन तथा एक्सिस बैंक की मार्किट हैड नीतू आहूजा भाग लेंगी। नैना लाल किदवई का विशेष संबोधन होगा और इसका संचालन डा. गरिमा दधिच करेंगी।

तीसरा तकनीकी सत्र महिला साक्षरता और वितीय समावेशन विषय पर होगा जिसमें कारपोरेट मामले मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनोज पांडेय का विशेष संबोधन होगा। इसमें पैनल चर्चा में आरबीआई की मुख्य महाप्रबंधक सोनाली सैन गुप्ता , डीटीयू यूनिवर्सिटी की इकॉनोमिक्स की प्रोफेसर सीमा सिंह और ऑक्टस ईएसजी की प्रबंध निदेशक नमिता विकास भाग लेंगी। डा. नवीन सिरोही इसका शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि समापन अवसर पर नीति आयोग के अमिताभ कांत का संबोधन होगा। संयुक्त सचिव मनोज पांडेय तथा आईसीएलएस अकादमी की सहायक निदेशक सयाली भी अपने विचार रखेंगी।

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