सदर बाजार के दुकानदारों व नगर निगम की एन्फोर्समेंट टीम के बीच चलता रहा शह-मात का खेल

सडक़ पर दुकान लगाने वाले नगर निगम की कार्यवाही की करते रहे प्रतीक्षा
 एन्फोर्समेंट टीम के आने की सूचना से पूर्व खाली पड़ी सडक़ें

गुडग़ांव, 3 जून (अशोक): नगर निगम शहर के मुख्य सदर बाजार सहित अन्य बाजारों में भी सडक़ पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ समय-समय पर कार्यवाही करता रहा है। निगम का यही प्रयास है कि बाजार की मुख्य सडक़ों पर अतिक्रमण
न होने दिया जाए। अतिक्रमण होने से बाजार में आने-जाने वाले ग्राहकों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नगर निगम ने सदर बाजार को आधुनिकतम बाजार बनाने के लिए कई वर्षों से प्रयास शुरु किए हुए हैं। सौंदर्यकरण के नाम पर भी बाजार में कई जनसुविधाएं भी दी गई हैं, लेकिन दुकानदारों के असहयोग के कारण नगर निगम की यह योजना सिरे चढ़ती दिखाई नहीं दे रही है। दुकानदार अपनी दुकानों के सामने ही अवैध रुप से स्टॉल व रेहडिय़ां आदि लगवा लेते हैं और उनसे मोटा शुल्क भी वसूलते हैं। जिससे बाजार की मुख्य सडक़ पर यातायात जाम की समस्या भी पैदा हो जाती है। नगर निगम की एन्फोर्समेंट टीम सडक़ पर लगाई गई दुकानों के खिलाफ कार्यवाही करती रही है और उनके सामानों को कई बार जब्त भी किया जा चुका है।एन्फोर्समेंट टीम के जाने के बाद दुकानदार फिर से सडक़ पर अपनी दुकानें सजा लेते हैं।

दुकानदारों का नगर निगम कर्मचारियों का यह शह-मात का खेल चलता ही रहता है। शुक्रवार को जब प्रात: सदर बाजार की दुकानें खुली तो उन्होंने पूर्व की भांति सडक़ पर भी अपनी अस्थायी दुकानें सजानी शुरु कर दी। थोड़ी देर बाद ही दुकानदारों को अपने विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि नगर निगम की टीम बाजार में कार्यवाही करने के लिए आने वाली है। यह जानकारी मिलते ही लोगों ने सडक़ पर लगाई अपनी दुकानों को समेटना शुरु कर दिया और निगम के दस्ते की आने की प्रतीक्षा करते रहे। यह सिलसिला कई घंटों तक चलता रहा। शहर के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि दुकानदारों को भी नगर निगम को सहयोग करना चाहिए। उन्हें नियमानुसार अपनी दुकानें लगानी चाहिए तथा दुकानों के बाहर अस्थायी दुकान लगवाने का मोह छोडऩा चाहिए ताकि बाजार की शोभा बनी रहे और आम लोगों को भी आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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