भारत सारथी चण्डीगढ़ । हरियाणा में राज्यसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार उतारा है लेकिन नामांकन के आखिरी दिन कार्तिकेय शर्मा की एंट्री ने राज्यसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. जेजेपी के समर्थन से कार्तिकेय शर्मा ने आखिरी दिन नामांकन भरा, जिससे कांग्रेस और अजय माकन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जानिये कैसे… राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है. हरियाणा में नामांकन के आखिरी दिन जबरदस्त खेला हो गया. दरअसल हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सिर्फ एक-एक उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को और कांग्रेस ने अजय माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है. इन दोनों ने भी आखिरी दिन नामांकन भरा. एक दिन पहले तक एक सीट बीजेपी और दूसरी कांग्रेस के पास जाती दिख रही थी लेकिन आखिरी दिन एक और नामांकन ने राज्यसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. कार्तिकेय शर्मा ने भरा नामांकन- राज्यसभा के लिए नामांकन के आखिरी दिनकार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा के लिए नामांकन भर दिया है. दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने कार्तिकेय शर्मा के नाम पर प्रस्ताव किया. उन्हें निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है. बिजली मंत्री रणजीत चौटाला भी इस दौरान मौजूद रहे. जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि जेजेपी ने कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है और वो निश्चित रूप से जीतेंगे. कांग्रेस और अजय माकन का बिगड़ेगा खेल ? – हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं इस लिहाज से जीत के लिए हर उम्मीदवार को 31 वोट जुटाने होंगे. इस लिहाज से 40 विधायकों वाली बीजेपी के उम्मीदवार की जीत तो तय है लेकिन जानकार मानते हैं कि कार्तिकेय शर्मा की एंट्री ने कांग्रेस और अजय माकन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं लेकिन कुलदीप बिश्नोई समेत कई विधायक धड़ों में बंटे हैं, ऐसे में कांग्रेस की गुटबंदी अजय माकन के लिए भारी पड़ सकती है. जानकार मानते हैं कि बीजेपी के बचे हुए विधायक, जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकते हैं और अगर कांग्रेस के कुछ विधायकों के वोट जुटाने में कार्तिकेय शर्मा कामयाब हो जाते हैं तो अजय माकन का राज्यसभा पहुंचने का सपना टूट भी सकता है. कांग्रेस की कलह बिगाड़ेगी माकन का खेल- वैसे तो कांग्रेस के 31 विधायक हैं और माकन को राज्यसभा पहुंचने के लिए इतने ही विधायकों के वोट चाहिए लेकिन हरियाणा में हुड्डा खेमे की अगुवाई में चल रही कांग्रेस के कई धड़े हैं और ये बात किसी से भी छिपी नहीं है. कुलदीप बिश्नोई के साथ-साथ किरण चौधरी जैसे कई विधायकों की नाराजगी हुड्डा खेमे से है, ऐसे में अपने खेमे के ही सारे वोट पाना अजय माकन के लिए टेढी खीर साबित हो सकता है. बीजेपी के 31 विधायकों का समर्थन पाकर कृष्ण पंवार का राज्यसभा पहुंचना तय है. कांग्रेस के 31 विधायकों के अलावा बाकी बचे 28 विधायकों का समर्थन भी अगर कार्तिकेय शर्मा जुटा लेते हैं तो भी वो राज्यसभा की रेस में पिछड़ जाएंगे. ऐसे में अगर कार्तिकेय शर्मा को ये रेस जीतनी है तो उन्हें कांग्रेस के खेमे से कुछ विधायकों का समर्थन जुटाना ही होगा. जानकार मानते हैं कि ऐसा हुआ तो इसके पीछे कांग्रेस की कलह ही जिम्मेदार होगी, जो अजय माकन का खेल बिगाड़ देगी. कार्तिक शर्मा कौन है – कार्तिक शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और जेसिका लाल मर्डर केस के दोषी मनु शर्मा के भाई हैं. विनोद शर्मा करीब 4 दशक तक कांग्रेस के साथ रहे. कांग्रेस की बदौलत ही विधायक से लेकर राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय किया. लेकिन जेसिका लाल मर्डर केस का असर उनकी सियासत पर भी पड़ा. पार्टी ने किनारा किया तो विनोद शर्मा ने हरियाणा जन चेतना पार्टी बना ली थी. अंबाला सिटी से विधायक रहे विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा ने भी 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. शक्ति रानी शर्मा अंबाला सिटी की मेयर हैं. कार्तिक शर्मा फिलहाल एक न्यूज़ चैनल के एमडी हैं. हुड्डा के राज्यसभा में होगा खेला अगर ऐसा हुआ तो वो कहावत फिट बैठेगी- सिर मुंडाते ही ओले पड़ना। निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिक शर्मा को समर्थन है- भाजपा, जेजेपी, सभी निर्दलीय , इनेलो, हलोपा ! कांग्रेस के अजय माकन की सीट खतरे में, विनोद शर्मा व अजय माकन आपस में हैं रिश्तेदार, पर राजनीति में कोई किसी का नहीं। कार्तिक शर्मा को जीत के लिए कांग्रेस के तीन विधायक तोड़ने होंगे- कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस ने नाराज किया हुआ है कुलदीप वत्स और शमशेर गोगी विनोद शर्मा के खास हैं। दो विधायक सुनने में आ रहा है बीजेपी ने भी सैट किये हुए हैं।राजस्थान में भी रोचक मुकाबला इधर राजस्थान की 4 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए भी बीजेपी ने मैदान में एक निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को रोचक रंग दे दिया है । राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से सुभाष चंद्रा की एंट्री हुई है राज्यसभा चुनाव के लिए आज नामाकंन दाखिल करने की आखिरी तारीख है जिसके लिए सुभाष चंद्रा सोमवार देर रात राजधानी पहुंच गए हैं । Post navigation राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं ने की अहम बैठक निकाय चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल करने से नहीं हो पाएगी धांधली: अभय सिंह चौटाला