निकाय चुनाव को पारदर्शी एवं निष्पक्ष करवाने के लिए वीवीपैट अनिवार्य करे चुनाव आयोग निकाय चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल न करने के निर्णय का मतलब साफ है कि भाजपा सरकार चुनाव जीतने के लिए बड़े पैमाने पर धांधली करना चाहती है चंडीगढ़, 31 मई: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश में 19 जून को होने वाले निकाय चुनावों में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान के दौरान वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं करने के निर्णय पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानना चाहिए जिसमें चुनाव आयोग को ईवीएम के साथ वीवीपैट की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद ईवीएम के साथ वीवीपैट व्यवस्था लागू करने के कोई प्रावधान नहीं किए हैं। इनेलो नेता ने निकाय चुनावों में वीवीपैट के इस्तेमाल करने की मांग करते हुए कहा कि इससे धांधली नहीं होगी और पारदर्शिता बनी रहेगी। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और लचर कानून व्यवस्था के कारण भाजपा सरकार की हालत बेहद खराब है। भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में पूरे देश में नंबर एक पर है। युवा सरकारी नौकरियों के लिए सडक़ पर आंदोलनरत है। महंगाई के कारण गरीबों का जीना मुहाल हो गया है। आम आदमी के घर का खर्चा आय से अधिक हो गया है। कुल मिला कर प्रदेश का हर वर्ग भाजपा सरकार से बेहद दुखी है और भाजपा को वोट नहीं डालना चाहता। इसलिए भाजपा सरकार राज्य चुनाव आयोग के कंधों पर बंदूक रख कर चलाना चाहती है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ही करवाए जाते हैं और राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त की नियुक्ति प्रदेश सरकार करती है। निकाय चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल न करने का मतलब साफ है कि भाजपा सरकार चुनाव जीतने के लिए बड़े पैमाने पर धांधली करना चाहती है। Post navigation नामांकन के आखिरी दिन कार्तिकेय शर्मा की एंट्री ने राज्यसभा चुनाव का खेला नगर निकाय चुनाव को लेकर जेजेपी ने घोषित किए 8 उम्मीदवार