बैंकट हॉल व वाटिका के संचालन के लिए बनाई जाए कोई स्थायी नीति : अनिल राव गुडग़ांव, 27 मई (अशोक): द हरियाणा पार्टी लॉन वेलफेयर एसोसिएशन एवं हरियाणा टेंट डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान अनिल राव ने बैंकट हॉल, गार्डन व वाटिकाओं की समस्याओं के बारे में शुक्रवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान कराया जाए ताकि इन समारोह स्थलों के संचालकों की समस्याओं का समाधान हो सके। अनिल राव ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि गुडग़ांव क्षेत्र व उसके बाहर करीब 112 बैंकट हॉल व वाटिकाएं हैं। इनमें से केवल 4-5 ही अधिकृत हैं, बाकी सभी समारोह स्थल अनाधिकृत हैं। टेंट व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों ने इन वाटिकाओं को जमीन मालिकों से लीज पर लेकर बनाया हुआ है। उनका कहना है कि प्रदेश की 2007 व 2012 की पॉलिसी के अनुसार किसी भी बैंकट हॉल व वाटिका को अधिकृत नहीं कराया जा सकता। क्योंकि पॉलिसी के अनुसार मांगी गई जानकारियों की औपचारिकता पूरी की ही नहीं जा सकती। प्रशासन द्वारा इन अनाधिकृत बैंकट हॉल को नोटिस जारी किए हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि या तो वे अपने पूरे दस्तावेज जमा कराएं, अन्यथा उनके बैंकट हॉल व वाटिकाओं को क्यों न डिमोलेशन कर दिया जाए। उन्होंने उपायुक्त को ज्ञापन में बताया कि पड़ोसी प्रदेश राजस्थान व दिल्ली में एग्रीकल्चर लैंड व 500 या एक हजार वर्ग गज के प्लॉट में बैंकट हॉल व वाटिकाएं बनी हुई हैं। राजस्थान सरकार ने इनके लिए पॉलिसी भी बनाई हुई है। पॉलिसी के तहत फीस भी निश्चित की हुई है। उनका कहना है कि टेंट का कारोबार करने वाले कारोबारियों की समस्याओं के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी अवगत करा चुके हैं। स्थानीय विधायक को भी इसकी जानकारी दी हुई है। उनका कहना है कि पड़ोसीप्रदेश राजस्थान को इन वाटिकाओं से करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है तो हरियाणा भी इसमें पीछे क्यों है। प्रदेश सरकार को इस दिशा में कोई निर्णय अवश्य लेना चाहिए ताकि प्रदेश सरकार को भी इन बैंकट हॉल से अच्छा-खासा राजस्व मिल सके। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त भी किया था लेकिन आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रशासन ने इन बैंकट हॉल में जो सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे, उनमें अधिकांश को पूरा भी किया जा चुका है। अग्रिशमन यंत्र आदि भी लगाए हुए हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने इन आयोजन स्थलों को सीज कर दिया तो शहरवासी विवाह व अन्य समारोह कहा करेंगे, इस पर भी प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को विचार कर जनहित में कोई निर्णय लेना चाहिए। प्रशासन द्वारा कारोबारियों को जो नोटिस दिए गए हैं, उससे वे काफी तनाव में हैं। Post navigation मुख्यमंत्री की प्रगति रैली : पुराने काम हुए नहीं, नए पत्थर लगाने आ रहे….. प्रॉपर्टी टैक्स असेसमेंट नोटिस में सुधार के लिए टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क