साढ़े तीन साल की उम्र में एवेरेस्ट फतह करने का है सपना हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने बताया कि हेयांश के इस ट्रेक को मैनकाइंड फ़ार्मा ने स्पॉन्सर किया था जिसमेंसीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के वाईस चैयरमेन बोधराज सीकरी ने अहम भूमिका निभायी। गुरुग्राम, 18 मई। मन में किसी लक्ष्य को हासिल करने का जज्बा हो तो उम्र भी आड़े नही आती। कुछ ऐसा ही दुर्लभ कारनामा कर दिखाया है गुरुग्राम जिला के गांव बाबड़ा बाकीपुर निवासी हेयांश ने। अपने पुत्र की इस खास उपलब्धि के साथ जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव से शुभाशीष लेने पहुँचे हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने बताया कि मन में माउंट एवेरेस्ट को फतह करने की चाहत रखने वाले हेयांश ने 23 अप्रैल 2022 को काठमांडू से लुकला के लिए अपने सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि काठमांडू से एवेरेस्ट के बेस कैम्प तक की यात्रा में पहला कैंप फुगडिंग में लगाया गया था। ट्रेक यात्रा के दूसरे दिन नामचें बाजार पहुंचे और एक दिन मौसम अभ्यास के लिए आराम किया। अगले दिन टेंगबूचे के लिए रवाना हुए इसके बाद सीधा फेरिचे पहुँचे और एक दिन मौसम अभ्यास के लिए रुके, इसके बाद अग़ल पड़ाव थूकला में रहा। मंजीत कुमार ने बताया कि हेयांश ने दो मई को गोरेक्षेप पहुँचकर वहां रात्रि विश्राम किया व अगले दिन तीन मई कीसुबह एवरेस्ट बेस कैम्प पहुँचे। जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इस उपलब्धि पर हेयांश व उसके परिजनों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हेयांश की इस उपलब्धि से निश्चय ही प्रदेश के अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की सफलता में उसके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान होता है ऐसे में हेयांश के माता पिता बधाई के पात्र है। जिन्होंने इतनी कम उम्र में हेयांश को इस दुर्लभ लक्ष्य के लिए प्रेरित करने के साथ साथ गुरुग्राम जिला की ख्याति बढ़ाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने बताया कि हेयांश के इस ट्रेक को मैनकाइंड फ़ार्मा ने स्पॉन्सर किया था जिसमेंसीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के वाईस चैयरमेन बोधराज सीकरी ने अहम भूमिका निभायी। इस ट्रेक को पायनीयर एडवेंचर कम्पनी के सहयोग से पूरा किया गया। Post navigation ठोस कचरा प्रबंधन नियम की अवहेलना पर निगम ने किए चालान गुरुग्राम विश्वविद्यालय : कैंपस प्लेसमेंट में 14 छात्रों का हुआ चयन, इतने का मिला पैकेज