मामला स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्रित करने का
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने इतिहासकारों को सौंपी है जिम्मेदारी
गुडग़ांव, 15 मई (अशोक): देश की आजादी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों व स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रणबांकुरों को पूरा देश आजादी के 75वें अमृत महोत्सव में याद कर रहा है। इन्हीं की बदौलत देश आजाद हुआ, जिसके कारण आज पूरा देश खुली हवा में सांस ले रहा है, देश पर सर्वस्व न्यौैछावर करने वालों में बड़ी संख्या में गुमनाम शहीद भी शामिल हैं जिनका पता नहीं लग पा रहा है।
इन गुमनाम शहीदों की पहचान दिलाने का कार्य स्वतंत्रता सेनानी के सुपुत्र श्रीभगवान फौगाट कर रहे हैं। वह राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से उनका रिकॉर्ड ढूंढकर प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराने में जुटे हैं, लेकिन जो प्रगति सरकार व प्रशासन स्तर पर होनी चाहिए थी, वह प्रगति होती दिखाई नहीं दे रही है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ऐसे गुमनाम शहीदों की पहचान कराने के लिए इतिहासकारों का भी आह्वान किया है कि वे भी इस कार्य में सरकार की मदद करें।
श्रीभगवान फौगाट ने बताया कि गत सप्ताह केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी डा. संजय गर्ग ने हरियाणा प्रदेश की चौधरी बंशीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी के इतिहास विभाग के डा. रवि प्रकाश को पत्र लिखकर इस कार्य में सहयोग करने का आग्रह किया है कि वे अपने प्रयासों से स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले गुमनाम शहीदों की पहचान कराने में सहयोग करें। फौगाट का कहना है कि अब उनको कुछ आस बंधी है कि इस कार्य में इतिहासकारों के शामिल हो जाने से प्रगति होगी। उनका रिकॉर्ड एकत्र कर एक जगह संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से प्रकाशित करने में भी मदद मिलेगी।
फौगाट का कहना है कि केंद्र सरकार का यह सराहनीय कदम है। अब तक वह सैकड़ों गुमनाम सैनिकों व शहीदों के रिकॉर्ड ढूंढकर ले आए हैं।