सोहना बाबू सिंगला

सोहना कस्बे में मोबाइल टॉयलेट सफेद हाथी बन कर रह गए हैं। जिनमें गन्दगी की भरमार है। शौच सड़कों पर बह रहा है। शौचालयों में गन्दगी होने से वातावरण दूषित हो रहा है। जिसके चलते दुकानदारों की दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। वहीं परिषद विभाग सब कुछ देखकर भी अनदेखा कर रहा है। जिसने आज तक भी शौचालयों को साफ सुथरा रखने की सुध नहीं ली है। जिसके चलते नागरिकों में भारी रोष व गुस्सा व्याप्त है।

विदित है कि गत वर्षों नगरपरिषद विभाग ने कस्बे को ओडीएफ मुक्त बनाने के लिए मोबाइल टॉयलेट स्थापित किये थे। जिनकी संख्या करीब 4 दर्जन है। जो कस्बे में कई स्थानों पर स्थापित किये थे। जिसमें नगरपरिषद के बाहर, स्टेडियम जे बाहर, बस स्टैंड मार्ग, पुराना अलवर मार्ग आदि पर शामिल हैं। बीते दिनों परिषद ने उक्त टॉयलेटों की सफाई का ठेका दिया हुआ था। जो वर्तमान में समाप्त हो गया है। जिसके कारण सफाई व्यवस्था ठप्प है। तथा टॉयलेटों में गन्दगी भरी हुई है। तथा शौच खुले में सड़कों पर बह रहा है। जिससे हर समय बदबू रहती है। नागरिकों ने उक्त समस्या की शिकायत कई बार परिषद विभाग को की है किंतु जो जस की तस बनी हुई है। तथा नागरिक नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। 

5 साल बनाम 1 करोड़ ………….मोबाइल टॉयलेट की सफाई पर बीते 5 वर्षों में नगरपरिषद ने करीब एक करोड़ रुपये की राशि खर्च की थी। परंतु टॉयलेट हमेशा ही गंदे रहते थे। जिनका रखरखाव नियमित नहीं होता था। परिषद ने उक्त सरकारी राशि का जमकर दुरूपयोग किया है। जिसकी जाँच अनिवार्य है।

परिषद की उदासीनता …………नगरपरिषद मोबाइल टॉयलेट की सफाई कराने के लिए गंभीर नहीं है। जबकि परिषद में 185 सफाई कर्मी नियुक्त हैं। जो इधर उधर घूमते रहते हैं। 

क्या कहते हैं नागरिक ………….सोहना के प्रबुद्ध नागरिक व्यापार मंडल प्रधान अशोक गर्ग, व्यापार मंडल पूर्व प्रधान ललित जिंदल, व्यापारी अनुज गुप्ता, चन्द्र मोंगिया, सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक वर्मा, देवेंद्र सिंगला, अजय सिंगला,नवीन गर्ग सोनू,दिनेश रोहिला,समाज सेवी देवेंद्र बर्तन भंडार वाले, लोहिया समाज के पूर्व प्रधान प्रवीण कुमार बॉबी आदि ने सरकार व प्रशासन से पिछली राशि की जाँच कराने व शौचालयों की सफाई तुरन्त कराने को कहा है।

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