-मुंडियाखेड़ा व दौंगड़ा जाट के किसानों ने सड़क पर उतरने की दी थी धमकी-खबर के बाद अब सुखी नहर में पहुंचा पानी, किसानों के चेहरे खिले-अब दो दिन और चलेगा राता माइनर में नहरी पानी, सूखे जोहड़ भरने की जगी उम्मीद-ग्रामीणों और किसानों ने सरकार पर जिले में नहरी पानी आपूर्ति में भेदभाव करने का लगाया था आरोप भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। इसे खबर का असर कहे या ग्रामीणों व किसानों की सरकार को दो दिन पूर्व दी गई चेतावनी का असर कि कई दिनों से सुखी पड़ी राता माइनर में शुक्रवार को पानी थोड़ा पानी छोड़ा गया। सुखी नहर में पानी आया देखकर हालांकि गांव दौंगडा जाट व मूंडियाखेड़ा गांव के किसानों के चेहरे पर खुशी तो देखी गई लेकिन बहुत कम पानी छोड़ने को लेकर नहर विभाग के अधिकारियों पर कटाक्ष भी किया। दौंगडा जाट निवासी चौधरी होशियार सिंह, बिल्लू पंच, बलबीर सिंह, मुकेश, कालूराम, शुभराम नंबरदार, रणधीर, मातूराम ने बताया कि उनके क्षेत्र के गांवों के जोहड़ सूखे पड़े है वहीं मवेशियों के लिए पानी की अभी भारी समस्या बनी हुई है। जिले में राता माइनर को छोड़कर बाकि की सभी नहरों में जलापूर्ति बेरोक टोक की जा रही है वहीं उनके क्षेत्र के गांव मूंडियाखेड़ा, दौंगड़ा जाट, भालखी और राता गांव के किसानों के साथ नहरी पानी वितरण के मामले में अब भी भारी भेदभाव किया जा रहा है। गांव मूंडियाखेड़ा के किसान रविंद्र यादव, वेदप्रकाश, नरेश बाबू जी, जय सिंह प्रधान, परसराम, पवन, राजकुमार, ओमप्रकाश ने सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अब भी राता माइनर बहुत ही थोड़ा पानी छोड़ा गया है इससे उनके गांव के जोहड़ भरने बहुत मुश्किल है इसलिए लगातार नहर में पानी छोड़ा जाना चाहिए।किसानों और ग्रामीणों ने सरकार पर पानी के मामले में जिले में ही भेदभाव करने का आरोप लगाया। आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब से एसवाईएल का पानी लाने के दावे करने वाली सरकार पहले जिले में उपलब्ध नहरी पानी का समान रूप से वितरण करें। जिले के अंदर ही नहर विभाग के अधिकारी गांवों के जोहड़ो और माइनर में पानी छोड़ने में मामले में भारी भेदभाव कर रहे है। किसानों और ग्रामीणों ने सरकार से पहले सुखी पड़ी राता माइनर में पानी छोड़ने की मांग करते हुए कहा गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही मूंडियाखेड़ा, दौंगडा जाट के ग्रामीणों व किसानों ने गांवों के जोहड़ो को भरने को लेकर सरकार के खिलाफ सुखी नहर में उतर कर प्रदर्शन किया था और प्रदर्शन कर चेताया था कि दो दिन के अंदर सुखी पड़ी राता माइनर में पानी नही छोड़ा गया तो किसान और ग्रामीण एकजुट होकर सरकार का विरोध करने को मजबूर होंगे। इस संबंध में कार्यकारी अभियंता के के यादव महेंद्रगढ़ ने बताया कि नहर में पानी चलने की समय अवधि समाप्त हो रही थी लेकिन सरकार ने दो दिन तक नहर में पानी ओर चलाने का निर्णय लिया है। अब राता माइनर में दो दिन नहरी पानी लगातार चलेगा जिससे गांव के जोहड़ों को भरा जा सके। Post navigation नारनौल में बिजली संकट के चलते मचा हाहाकार मंडलाना में 35.97 लाख की लागत से तैयार होने वाले अमृत सरोवर के कार्य के शुभारंभ