बिजली-पानी के संकट को लेकर ग्रामीण सड़कों पर उतरे.
सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में 2 घंटे किया गया रोड जाम.
जिस गांव में पावर हाउस उसी गांव में बिजली का संकट.
गुस्साए ग्रामीणों ने भी 10 दिन की छूट फिर होगा हंगामा

फतह सिंह उजाला

पटौदी । बीते कुछ दिनों से बढ़ते तापमान के साथ साथ बिजली के अघोषित कट के कारण पीने के पानी का शहर से लेकर देहात तक गंभीर संकट बनता जा रहा है । पानी का टोटा इस कदर बना हुआ है कि ग्रामीणों सहित शहरी इलाकों में पानी के लिए आम आदमी पूरी तरह से बिजली पर निर्भर है और बिजली रानी कब आएगी कब जाएगी ? यह सरकार की मर्जी पर निर्भर बना हुआ है ।

शुक्रवार को आग उगलते सूरज के नीचे जमीन पर उबलते पारे के बीच जिला गुरुग्राम सहित पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला के ग्रामीणों का गुस्सा गर्मी में पानी के टोटे को लेकर फूट गया । देखते ही देखते अनगिनत महिलाएं, युवा और पुरुष बिलासपुर से कुलाना के बीच सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में ही मुख्य सड़क मार्ग पर पहुंच गए । इसके बाद में ग्रामीणों ने बिजली निगम विभाग, जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जैसे ही सड़क मार्ग को जाम किया गया, व्यस्त रहने वाले सड़क मार्ग के दोनों तरफ उबलते पारे के बीच वाहनों की लंबी लाइनें भी लग गई।

गुस्साये ग्रामीणों के द्वारा इस मौके पर पहुंचे अधिकारियों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा गया कि, अधिकारी हो या फिर नेता हो यह लोग तो मजे से बिसलेरी पीते रहते हैं और जनता गर्मी में एक एक बूंद पानी के लिए किलकारी मार रही है । नेता , मंत्री, अफसर सभी ऐसी के नीचे बैठकर कमरों में बैठक-बैठक कर रहे हैं । दूसरी ओर आम जनता कैसे और किन हालात में अपना जीवन यापन कर रही है या दैनिक दिनचर्या चला रही है ? इस बात को जानने के लिए शासन और प्रशासन के पास फुर्सत भी नहीं बची है ? जैसे ही सड़क जाम किए जाने की सूचना पुलिस प्रशासन को मिली, बिलासपुर थाना पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए । मौके पर पहुंचे बिलासपुर थाना के अधिकारी व अन्य पुलिसकर्मियों ने गुस्साए ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। इस पर गुस्साई महिलाओं ने कहा हम पानी मांग रहे हैं, बिजली मांग रहे हैं। पानी और बिजली देना सरकार का काम है । गांव में ही पावर सबस्टेशन बना हुआ है और हमारे ही गांव में बिजली का टोटा क्यों बना हुआ है । इस बात का जवाब मौके पर अधिकारियों के पास भी नहीं मिला।

बोहड़ाकला भ्बावनी के प्रधान राजेश बब्बू चौहान, प्रेमपाल, विक्रम, सतवीर चौहान, नरेश फौजी, मालती, कैलाश, देवी पूनम, रजनी सहित अन्य महिलाओं और ग्रामीणों ने सवाल किया कि बीते करीब 1 महीने से सैकड़ों परिवार बिजली और पानी के संकट से जूझ रहे हैं ? बार-बार शिकायत करने के बाद भी संबंधित विभाग और अधिकारी ग्रामीणों की परेशानी को गंभीरता से नहीं ले रहे। चिलचिलाती धूप में और लू के थपेड़ों के बीच घरों से निकलकर सड़क पर बैठना और जाम लगाने का ग्रामीणों को शौक नहीं है । सरकार, शासन-प्रशासन, नेता, मंत्री और अधिकारियों की कान और आंखें खोलने के लिए मजबूरी में उबलते पांरे के बीच लू के थपेड़ों में सड़क पर आना ग्रामीणों की मजबूरी है । बिजली और पानी ऐसे समय पर आपूर्ति की जाती है , जब बिजली होती है तब पानी की आपूर्ति की जाती है । सवाल यह है कि पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बिजली पर ही निर्भर है । गर्मी के मौसम में ग्रामीणों की दिनचर्या और रसोई का काम काज करना चुनौती बन गया । गर्मी में सबसे अधिक परेशानी बिजली के बिना छोटे बच्चों, बुजुर्गों, और बीमार लोग लोगों को झेलनी पड़ रही है । इसी बीच ग्रामीणों को समझाने के लिए गांव के निवर्तमान सरपंच यादवेंद्र शर्मा गोगली भी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक बात नहीं सुनी ऐसे में यादवेंद्र शर्मा गोगली को वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ गया । जैसे-तैसे पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को समझा कर कि उनकी समस्या का समाधान उच्च अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द कराया जाएगा, इसके बाद ही ग्रामीणों ने सड़क से अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया।

10 दिन की लिखित मोहलत
ग्रामीणों के द्वारा रोड जाम किया जाने के बाद मौके पर पहुंचे पटौदी जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग के उपमंडल अभियंता असर खान को भी ग्रामीण महिलाओं ने खाली मटके दिखाकर खूब खोटी खरी सुना डाली । महिलाओं ने बार-बार पूछा कि पानी जिसके बिना ऐसी गर्मी में आदमी और पशु दो-तीन घंटे भी नहीं रह सकता ? तो फिर एक या 2 घंटे पानी की आपूर्ति से 24 घंटे किस प्रकार से गुजारा संभव है। ग्रामीणों को मजबूरी में आसपास के खेतों में लगे हुए लोगों से जरूरत का पानी लाना पड़ रहा है। जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के एसडीओ असर खान ने इस मौके पर ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया कि 10 दिन में समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।

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