28 तक कैमरे नहीं लगवाए तो होगी कार्रवाई

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

24 अप्रैल,मौजूदा समय में किशोरों में ड्रग्स लेने का एक चलन सा चला हुआ है। ड्रग्स लेने की ये आदत उनके जीवन को एक गलत रास्ते पर ले जाकर खड़ा कर देती है। किशोर दूसरे साथियों की देखादेखी व लत लगने के कारण नशीली दवाओं का प्रयोग करने लग जाते है। वहीं मैडिकल स्टोर संचालक भी इसको गंभीरता से नहीं लेने के कारण उन्हें नशीली दवाएं थमा देते हैं। जिसके चलते कई बार तो गलत तरीके से प्रयोग करने या ओवरडोज लेने के कारण ये उनकी मौत का कारण भी बन जाती हैं। जिसको देखते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग इसको लेकर काफी गंभीर है और उसने इसे रोकने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है। उसी के तहत दादरी जिला प्रशासन द्वारा जिले में सभी मैडिकल स्टोर, फार्मासिस्ट आदि को अपनी दुकानों के अंदर व बाहर अनिवार्य रुप से कैमरे लगवाने के आदेश जारी किए है ताकि गलत तरीके से ड्रग्स बेचने व खरीदने वालों की मॉनिटरिंग की जा सके। 

दादरी जिला उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने साफ शब्दों में कहा है कि जो लोग एक्स व एच ड्रग्स बेचते हैं उन लोगों ने आदेशों की पालना करते हुए कैमरे नहीं लगवाए तो 28 अप्रैल के बाद किसी भी समय कार्रवाई हो सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एक्स व एच ड्रग्स में नशीली, लत लगने वाली, सीधा दिमाग पर असर डालने वाली दवाएं शामिल होती हैं। इन दवाओं का सेवन गलत तरीके से करने व ओवरडोज होने पर ये घातक साबित होती है। इसलिए इन दवाओं की बिक्री करने वाले बिना डॉक्टर की पर्ची के ये दवाएं नहीं बेच सकते साथ ही दवा विक्रेता को पर्ची लिखने वाले डॉक्टर का नाम, खरीदने वाले का पूरा विवरण, दवा की मात्रा आदि का रिकॉर्ड अलग रजिस्टर में रखना पड़ता है। लेकिन कुछ दवा विक्रेता नियमों को ताक पर रखकर बिना पर्ची के ही ये ड्रग्स लोगों को थमा देते है। उसी पर अंकुश लगाने के लिए दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का कदम उठाया जा रहा है। 

दादरी जिला उपायुक्त ने जिले के एक्स व एच श्रेणी के ड्रग्स बेचने वालों को कैमरे लगवाने की हिदायत जारी कर दी हैं। कुछ दवा विक्रेता इसे काफी सही मानते है और उन्होंने कैमरे लगवाने शुरु कर दिए हैं। जिला उपायुक्त द्वारा 28 अप्रैल तक कैमरे नहीं लगवानों वालों के खिलाफ छापेमारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी भी दी गई है। उन्होने कहा है कि मेडिकल स्टोर की सीसीटीवी फुटेज को देखने के लिए जिला प्रशासन या दवा नियंत्रक अधिकारी किसी भी समय आ सकते हैं। इसमें कोई चूक मिली और कैमरे नहीं पाए गए तो संबधित दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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