खेदड़ व झाड़ली में 1260 मेघावाट बिजली उत्पादन के दो थर्मल प्लांट ईकाईयां पिछले एक साल से खराब क्यों पड़े है? विद्रोही वर्ष 2008 के समझौते अनुसार ही 25 वर्षो तक हरियाणा को 3.25 रूपये प्रति यूनिट बिजली देने के करार से अडानी कम्पनी के पीछे हटने पर हरियाणा सरकार ने अडानी के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की और यदि नही की तो क्यों नही की? विद्रोही विगत 8 सालों में भाजपा सरकार ने विभिन्न बैंकों व वित्तिय संस्थानों में जो 173 लाख करोड़ रूपये का कर्ज लिया है, वह पैसा कहां खर्च हुआ? विद्रोही 23 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे अपने शासन के आठ सालों में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढाने के लिए उठाये गए व बिजली खरीद के समझौते पर एक विस्तृत श्वेत पत्र जारी करे ताकि यह पता चल सके कि हरियाणा बिजली मामले में आत्मनिर्भर राज्य क्यों नही बन सका। विद्रोही ने कहा कि श्वेत पत्र में बताया जाये कि कांग्रेस हुड्डा राज में बनाये गए चार थर्मल प्लांटों की उत्पादन क्षमता बढाने की बजाय किन कारणों से गिरी और सरकार ने इन कारणों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाये। खेदड़ व झाड़ली में 1260 मेघावाट बिजली उत्पादन के दो थर्मल प्लांट ईकाईयां पिछले एक साल से खराब क्यों पड़े है? इन थर्मल प्लांटों के खराब उपकरणों को बदलने के लिए तत्काल कदम उठाने की बजाय इसके प्रति उपेक्षा बरतकर किस निजीे बिजली उत्पादनकर्ता कम्पनी को आर्थिक लाभ पहुुंचाया जा रहा है। विद्रोही ने पूछा कि भाजपा सरकार ने भविष्य की बिजली मांग की संभावनाओं के अनुसार बने थर्मल प्लांट लगाने व पुराने प्लाटों में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयास क्यों नही किये? वहीं भाजपा सरकार बताये कि वर्ष 2008 में निजी बिजली उत्पादन कम्पनी अडानी पावर से 25 वर्षो तक 3.25 रूपये प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति के समझौते के अनुसार अडानी पावर कम्पनी हरियाणा को बिजली क्यों नही दे रही? वहीं वर्ष 2008 के समझौते अनुसार ही 25 वर्षो तक हरियाणा को 3.25 रूपये प्रति यूनिट बिजली देने के करार से अडानी कम्पनी के पीछे हटने पर हरियाणा सरकार ने अडानी के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की और यदि नही की तो क्यों नही की? विगत आठ सालों में प्रदेश सरकार ने किन निजी बिजली कम्पनियों से बिजली किस-किस रेट पर कब-कब खरीदी? विद्रोही ने कहा कि निजी कम्पनियों की बिजली खरीदने के लिए सरकार ने जान-बूझकर सुनियोजित रणनीति के तहत सरकारी थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन क्षमता ठप किया है। वहीं विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से जानना चाहा कि श्वेत पत्र में बताये कि विगत 8 सालों में भाजपा सरकार ने विभिन्न बैंकों व वित्तिय संस्थानों में जो 173 लाख करोड़ रूपये का कर्ज लिया है, वह पैसा कहां खर्च हुआ? कर्ज सेे लिए इस भारी-भरकम पैसे से प्रदेश में कहां और कौनसा नया प्रोजेक्ट लगा? विद्रोही ने कहा कि बिजली व कर्ज पर विगत 8 सालों के विस्तृत श्वेत पत्र यदि भाजपा सरकार जारी करने का साहस दिखाये तो प्रदेश में भाजपाई-संघीयों द्वारा सत्ता दुरूपयोग से सरकारी खजाने को सुनियोजित ढंग से लूटने का महाघोटाला सामने आना तय है। Post navigation पंजाव सरकार किसानो को गिरफ्तार करने की वजाए ओटीएस स्कीम लाए: रणधीर सिंह बधराण 24 अप्रैल – राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस विशेष…..पंचायतों के समय पर चुनाव इसकी गरिमा को बढ़ा सकते हैं