बिजली निगम पर लगाए लापरवाही के आरोप, फायर ब्रिगेड भी पहुंची देरी से : पीड़ित किसान 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट,

15 अप्रैल, जिले के गांव घिकाड़ा में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग से करीब ढाई एकड़ की फसल व दूसरा सामान जलकर राख हो गया। आग की इस घटना के कारण किसान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। बार-बार बिजली कर्मचारियों से गुहार लगाने के बाद किसान के खेत से गुजर रहे ढीले तारों को दुरुस्त नहीं करने के कारण ग्रामीणों में बिजली निगम के खिलाफ रोष बना हुआ है। ग्रामीणों ने बिजली निगम पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए किसान को मुआवजा देने की मांग की है।

गांव घिकाड़ा निवासी किसान सत्यवान ने बताया कि उसने खेत में ढाई एकड़ में गेहूं की फसल लगा रखी थी। उसके खेत के बीचो-बीच बिजलली आपूर्ति के लिए लाईन गई हुई है। जिसके तार काफी ढीले व नीचे हैं। किसान का कहना है वह बिजली की ढीली तारों के कारण हाेने वाले संभावित खतरे से बिजली विभाग के कर्मचारियों को पहले ही अवगत करवा चुका है और बिजली लाइन को दुरुस्त करवाने के लिए करीब तीन वर्षों से चक्कर लगा रहा है। लेकिन बिजली कर्मचारी ने उसकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते बृहस्पतिवार सुबह करीब पौने दस बजे तेज हवा के कारण बिजली की तारे आपस में मिल गई और बिजली आपूर्ति चालू होने के कारण तार कटकर गेहूं की फसल में गिर गई। बिजली की तार आपस में मिलने के कारण निकली चिंगारी के कारण गेहूं के खेत में आग लग गई। तेज हवा चलने के कारण आग तेजी से फैल गई और चंद ही मिनटों में करीब ढाई एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। इसके अलावा किसान के खेत में फसल सिंचाई के लिए रखे प्लास्टिक के पाईप, डीजल ईंजन, एक मोनोब्लॉक मोटर व हाथ से गेहूं काटने की मशीन भी आग की भेंट चढ़ गई। जिसके कारण किसान सत्यवान को करीब तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने किसान को मुआवजा देने की मांग की है। आग लगने की घटना की सूचना पर डायल 112 नंबर टीम व सदर पुलिस थाना टीम ने भी मौके पर पहुंचकर आग से होने वाले नुकसान का मुआयना किया।

फायर ब्रिगेड को किया फोन लेकिन नहीं किया रिसीव।

किसान सत्यवान ने कहा कि आग लगने के बाद दादरी फायर ब्रिगेड को फोन किया गया था। लेकिन वहां शुरु में कई बार फोन करने के बावजूद भी कॉल रिसीव नहीं की गई। काफी देर बाद वहां फोन रिसीव किया गया। जिसके 30 मिनट बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक ढाई एकड़ गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी थी। किसान ने कहा कि तेज हवा चलने के कारण फायर ब्रिगेड के भरोसे बैठे रहते तो आग दूसरे खेतों में फैलकर बड़ा नुकसान कर सकती थी। लेकिन आस-पड़ौस के खेतों में काम करने वाले किसानों व दर्जनों प्रवासी श्रमिकों ने अपने स्तर पर आग पर काबू पाकर और अधिक बड़ा नु्कसान होने से बचा लिया।

पहले नहीं की जाती थी दिन में बिजली सप्लाई।

किसान सत्यवान ने कहा कि फसलों की कटाई के समय आग लगने की घटनाओं के अंदेशे से सरकार के निर्देशानुसार दिन के समय बिजली आपूर्ति बंद की गई है। लेकिन बृहस्पतिवार को दिन के समय बिजली आपूर्ति की गई जिसके चलते उसकी फसल आग की भेंट चढ़ गई।

जताया रोष।

ग्रामीणों व किसान संगठन के पदाधिकारियों ने किसान की फसल आग की भेंट चढ़ने पर रोष जताया है। भारतीय किसान लोकशक्ति पार्टी के प्रदेश महासचिव रणबीर सिंह घिकाड़ा ने रोष जताते हुए कहा बिजली निगम द्वारा बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी किसान के खेत से गुजर रहे बिजली के तारों को सही नहीं किया गया। वहीं दिन के समय खेतों में बिजली आपूर्ति बंद रखने के आदेशों के बावजूद दिन में बिजली आपूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि आग लगने की घटना में पूरी तरह से बिजली निगम की लापरवाही नजर आ रही है इसलिए सरकार को शीघ्र किसान को मुआवजा देना चाहिए।

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