मेले में पहाड़ो के जैविक उत्पादों में विशेष रुचि दिखा रहे पर्यटक गुरुग्राम, 12 अप्रैल। गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित लेजर वैली ग्राउंड में आयोजित सरस मेले में पंजाब के जिला बरनाला से एकता स्वयं सहायता समूह द्वारा हाथों से बनाया गया मुरब्बा व अचार खासा पसंद किया जा रहा है। जितनी मिठास इनके मुरब्बे में है उस कहीं ज्यादा मीठा, इनका ग्राहकों को विभिन्न वैरायटी चेक कराने का तरीका भी है। यही कारण है कि इनके स्टाल पर आने वाला पर्यटक कुछ ना कुछ खरीदारी किए बिना आगे नही बढ़ता। स्टाल पर समूह की प्रमुख मंजीत कौर ने बताया कि वे पिछले 13 सालों से इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि पहले वे अपने यहां लेबर से अचार व मुरब्बा बनवाने का कार्य कराते थे। लेकिन बाद में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका के प्रयासों से प्रभावित होकर धीरे धीरे इस कार्य को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को देना शुरू किया। आज उनके ग्रुप में करीब 12 महिलाएं है। जोकि सभी बराबर की हिस्सेदार हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी उन्होंने हरियाणा में गीता जयंती महोत्सव, सूरजकुंड मेला व अन्य मेलों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जहां लोगों ने इनके प्रोडक्ट्स को हाथों हाथ लिया है। सरस मेले में अभी इनके पास मुरब्बा की वैरायटी में आम, हरड़ व आमला है वहीं अचार की भी काफी वैरायटी है जिसमें आम, नींबू, काली व लाल मिर्च, अदरक, करेला, टिंट, गाजर व मशरूम प्रमुख है। मेले में पहाड़ो के जैविक उत्पादों में विशेष रुचि दिखा रहे पर्यटकसमय के साथ हो रहे बदलावों में लोग अपनी सेहत को लेकर भी फिक्रमंद है। पिछले कुछ समय से लोग जैविक खाद्य पदार्थो का खरीदने में भी विशेष रुचि ले रहे हैं। यही कारण है कि मेले में पहाड़ों में जैविक तरीके से उगाए गए खाद्य पदार्थ व मसाले लोगों की जुबान पर अलग ही टेस्ट दे रहे हैं। स्टाल नंबर डी 30 पर उत्तराखंड के नैनीताल से आई दमयंती बिष्ट ने बताया कि पहाड़ो पर आजीविका चलाने के लिए खेती के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही है। ऐसे में उन्होंने ऑर्गेनिक खेती का चुनाव किया। उन्होंने बताया कि आज उनके ग्रुप में करीब 8 महिलाएं है वहीं वे स्वयं करीब 15 संगठनों की प्रमुख है जिसमें करीब 150 महिलाएं इस क्षेत्र से जुड़कर लोगों को शुद्ध व ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवा रही हैं। उनकी स्टाल पर आ रहे पर्यटक हाथ से कुटा हुआ धनिया, साबुत व सिलबट्टे पर पिसी मिर्ची, साबुत व पिसी हुई हल्दी सहित मैथी, चने की दाल, मूंग व मसूर की दाल, लाल चावल, पहाड़ी अदरक, काला भट जोकि शरीर मे केल्शियम व प्रोटीन की पूर्ति करता है। इसके साथ ही पहाड़ी राई, अजवाइन व अन्य उत्पादों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। Post navigation … तू राजा की राजदुलारी, मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा