किसानों की आय में 30% तक आयी कमी।
मोदी सरकार ने फिर शुरू किया किसान विरोधी अभियान।
किसानों की आय की जिम्मेदारी राज्यों पर डालना केंद्र सरकार की नई योजना।
किसान तभी सशक्त होंगे जब सभी फसलों की एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी का क़ानून बनाए सरकार।

गुरुग्राम, 12 अप्रैल 2022 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि सरकार का किसानों की आय दोगुना करने का जुमला फेल हो चुका है ।उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो बहुत दूर है।उन्होंने कहा कि किसानों की आय में 30% तक कमी आयी है,जो कि बहुत ही चिंताजनक है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान कि “किसानों को सशक्त बनाना है”पर कहा कि किसानों तभी सशक्त होंगे जब सरकार सभी फसलों की एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी का क़ानून बनाए।

संयुक्त किसान मोर्चा ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा की गई घोषणाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।इन घोषणाओं से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार किसान विरोधी अभियान चलाकर किसानों से बदला लेने पर आमादा है।

किसान मोर्चा ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा संसद में दिए गए जवाब पर आश्चर्य व्यक्त किया है,जहां उन्होंने राज्य सरकारों पर किसानों की आय बढ़ाने की जिम्मेदारी देते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है।मोर्चा पूछता है कि अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार ने किस अधिकार से तीन किसान विरोधी कानून बनाए? अगर किसानों की आय बढ़ाना राज्यों का काम है तो प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा क्यों की? केंद्र सरकार हर साल एमएसपी की घोषणा क्यों करती है? यदि किसानों का कल्याण राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, तो केंद्र सरकार में “किसान कल्याण मंत्रालय” क्यों है?

संसद की एक स्थायी समिति ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र सरकार के बयान का पर्दाफाश करते हुए खुलासा किया है कि 4 राज्यों में किसानों की आय बढ़ाने के बजाय किसानों की आय में 30% की कमी आई है।संसदीय समिति की रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया है कि पिछले तीन वर्षों में कृषि मंत्रालय स्वीकृत बजट खर्च करने में विफल रहा और भारत सरकार को 67,929 करोड़ रुपये लौटाए।

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