ठगी के मामले से आरोपी को निकालने को, लिए डेढ़ लाख किये बरामद.
आरोपी कांस्टेबल की पहचान शक्ति सिंह, थाना खेड़कीदौला में तैनात.
इस मामले के आईओ एएसआई रामचंद्र की भूमिका पर भी बना संदेह

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम।  साइबर सिटी में चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब रोहतक विजिलेंस ने यहां एक कांस्टेबल को घूस के डेढ़ लाख की रकम के साथ रेड हैंडेड दबोचने में कामयाबी हासिल की। आरोपी कास्टेबल की पहचान शक्ति सिंह के रूप में की गई जो कि खेड़कदौला थाना में तैनात है।  कास्टेबल पर खेड़की दौला थाने में दर्ज ठगी के मामले से एक आरोपी को निकालने सहित केस को कमजोर करने के  बदले में घूूस लेने का आरोप है। शक्ति सिंह के खिलाफ विजिलेंस टीम ने मामला दर्ज कर  गुरूग्राम कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया , जिससे की ठगी के इस मामले में शामिल और भी लोगों की भूमिका पता लगाने सहित तह तक पहूंचा जा सके । अब रिमांड के दौरान इस मामले में उसके साथ कौन-कौन पुलिसकर्मी शामिल रहे है, उनके बारे में भी पता लगाया जाएगा।  

जानकारी के मुताबिक खेड़कीदौला थाने के कांस्टेबल शक्तिसिंह को रोहतक विजिलेंस टीम ने संडे देर सायं डेढ़ लाख रुपये लेते हुए हीरो होंडा चौक के पास से अपने कब्जे में लिया गया। अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरंभिक जानकारी के मुताबिक उसने मानेसर क्राइम ब्रांच में ही तैनात एएसआइ रामचंदर के कहने पर ही घूस मांगी थी। इस मामले में एएसआइ रामचंदर की भी तलाश की जा रही है। बीती दो अप्रैल को वाटिका सिटी गुरुग्राम निवासी विकास शर्मा ने झज्जर निवासी विनीत और कुलदीप के खिलाफ कार बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत खेड़कीदौला थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच की मानेसर टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। आरोप है कि कांस्टेबल शक्ति सिंह ने कुलदीप के दोस्त से संपर्क करके कहा कि 30 लाख रुपये देने पर न केवल मामले को कमजोर कर दिया जाएगा बल्कि आरोपितों को छोड़ भी दिया जाएगा। इस मामले में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी रोहतक विजिलेंस में डीएसपी सुमित कुमार को सौंपी गई जिससे कि कहीं से भी किसी को भनक नहीं लग सके। इसके बाद पूरी रणनीति के तहत कांस्टेबल शक्ति सिंह को कहा गया कि विनीत के बारे में नहीं जानते हैं। कुलदीप के लिए वह 15 लाख रुपये में बातचीत करने को तैयार हैं। इस बात पर कांस्टेबल तैयार हो गया और टोकन मनी के रूप में डेढ़ लाख रुपये देने की बात हुई। इसके बाद में कांस्टेबल हीरो होंडा चौक पर पहुंचा। घूस के पैसे लेते ही रोहतक टीम ने कांस्टेबल को मौके पर ही दबोच लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया  कि मानेसर क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआइ रामचंदर के कहने पर रकम मांगी थी।

संबंधित धोखाधड़ी के मामले में जांच अधिकारी एएसआइ रामचंद्र ही है। मामले में आरोपित एएसआइ रामचंदर को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उसकी तलाश की जा रही है। रोहतक विजिलेंस के डीएसपी सुमित कुमार के मुताबिक खेड़की दौला थाने में दर्ज ठगी के मामले की जांच करते हुए अपराध शाखा मानेसर की टीम ने सात अप्रैल को कुलदीप उर्फ अन्ना और विनित निवासी झज्जर को गिरफ्तार किया था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद खेड़की दौला थाने में तैनात सिपाही शक्ति सिंह ने दोनों आरोपियों के परिवारों से बात की और मामले को कमजोर करने के नाम पर 30 लाख की घूस मांगी थी। इस पर आरोपी विनीत के परिजनों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि कुलदीप उर्फ अन्ना के परिजनों ने शक्ति सिंह से बात करना जारी रखा। शक्ति सिंह ने कुलदीप के परिजनों से  15 लाख रुपये की मांग की, लेकिन 12 लाख रुपये में डील पक्की हो गई। कुलदीप के रिश्तेदार ललित ने विजिलेंस से संपर्क कर शिकायत कर दी। जिस पर जाल बिछाने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में कांस्टेबल शक्ति सिंह को डेढ़ लाख रुपये घूस लेते हुए रेड हैंडेड गिरफ्तार किया गया।

error: Content is protected !!