हर वर्ष सीआरपीएफ़ 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मना रही.
1965 युद्ध के दौरान कच्छ सीमा पर पाकिस्तान ने बोला था हमला.
आज के दिन सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम, 9 अप्रैल – ज़िला के कदरपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप में आज शनिवार को शौर्य दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। हर वर्ष सीआरपीएफ़ 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाती है क्योंकि आज ही के दिन 1965 युद्ध के दौरान कच्छ सीमा पर जब पाकिस्तान की एक ब्रिगेड ने सीआरपीएफ की दो कंपनियों पर आक्रमण कर दिया था तब इन टुकड़ियों ने पाकिस्तान की पूरी ब्रिगेड के हमले को नाकाम करते हुए उन्हें लगभग 12 घंटे तक रोके रखा जब तक कि पीछे से भारतीय सेना की मदद नहीं पहुंच गई। इस हमले में सीआरपीएफ के 6 जवान शहीद हो गए थे जबकि उन्होंने पाकिस्तान के 34 जवान मार गिराए थे।

आज गुरुग्राम स्थित कैंप में पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री सुनील जून द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि चढ़ाकर वीर बलिदानियों को नमन किया व गार्ड की सलामी ली। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने सीआरपीएफ के बलिदान की महान परंपरा को याद किया व सभी जवानों को सीआरपीएफ की द्वितीय बटालियन के शौर्य पूर्ण कार्य का अनुसरण करने का आवाहन किया।

श्री जून ने यह भी कहा कि आज सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल है जिस प्रकार से उसे पूरे भारत का विश्वास हासिल है यह केवल हमारे वीर बलिदानियों के पराक्रम द्वारा ही संभव हो सका है। हम सभी को देश हित में बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर श्री रजनीश अहलावत कमांडेंट, श्री ए एच अंसारी कमांडेंट, आर जय कुमार कमांडेंट, अन्य अधिकारीगण व जवान उपस्थित रहे।

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