गुरूग्राम में काल सेंटर में बैठ अमेरिका से डालर में ठगी का खेल

गुरूग्राम में फर्जी काल सेंटर, होते जा रहे पुलिस काबू से बाहर.
फर्जी कॉल सैन्टर का फन्डाफोङ कर 17 आरोपियों को काबू किया.
मौके से 22.5 लाख, 06 लैपटॉप, 03 डैक्सटॉप व 18 मोबाईल बरामद

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
 पुलिस व मुख्यमन्त्री उडन दस्ता की टीमों ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए फर्जी कॉल सैन्टर का फन्डाफोङ करके 17 आरोपियों को मौके से काबू किया है।’ अमेरिका के लोगों का टेक्निकल स्पोर्ट देने के नाम पर धोखाधङी करके ठगी करते थे।’ मौके से ही 22.5 लाख रुपये, 06 लैपटॉप, 03 डैक्सटॉप व 18 मोबाईल फोन भी बरामद किये गए हैं।’ एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने जानकारी देते बताया कि सात अप्रैल को गुरुग्राम पुलिस व मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए प्लाट नम्बर 309/310, उद्योग विहार, फेस-4, गुरूग्राम से एक फर्जी कॉल सैन्टर का भंडाफोड़ किया। ये लोग अमेरिका के नागरिकों का पोपअप भेजकर उनके कम्पयुटर सिस्टम को वायरस ग्रस्त करते हुए फर्जी मैंसेज भेजने के बाद उन पर दबाव बनाकर एक एप्लीकेशन द्वारा कॉल करके उनसे 300 से 900 डॉलर ऐंठकर धोखाधडी करते थे।

’पुलिस टीम में शामिल राजीव यादव ए.सी.पी. गुरुग्राम, इंद्रजीत डीएसपी मुख्यमंत्री उड़नदस्ता  निरीक्षक सुन्दरपाल, थाना साईबर अपराध, निरीक्षक नरेश कुमार, प्रबन्धक थाना उद्योग विहार, गुरुग्राम के द्वारा इस कॉल सेंटर में काफी लडके व लडकियां लैपटॉप/कम्पयुटर पर डायलर -लाइक के  माध्यम से अग्रेंजी भाषा में लोगों से बातचीत कर रहे थे, । जिनसे कॉल सैन्टर चलानें के लिए डोट लाइसेंस  कम्पनी का रजिस्ट्रैशन, भुगतान, सोर्स आफ कस्टमर, सोर्स आफ डाटा का रिकार्ड पेश करने बारे कहा तो वो कोई दस्तावेज पेश नही कर पाए। इनसे कॉल में कम्पयूटर पर काम करने वाले युवक/युवतियों से पूछा तो इन्होनें बतलाया कि कॉल सैन्टर के संचालकों द्वारा दिए गए निर्देशों अनुसार अमेरिका के नागरिकों को पोपअप भेजकर उसके कम्पयुटर सिस्टम वायरस ग्रस्त करने के बाद फर्जी मैंसिज भेजते है और उनसे ठगी करके धोखाधडी का काम करते है। रेङिग टीम द्वारा कॉल सैन्टर से कुल 17 आरोपियों को काबू किया गया जिनमें से निम्नलिखित कॉल सैन्टर के 1. देव प्रकाश उर्फ मोनू  2. अनिरुध अग्रवाल उर्फ अन्नी  3. हर्षद शर्मा उर्फ राहुल शर्मा पुत्र विजय 4. आशीष आनन्द 5. गोविन्द सिंह उर्फ रिंकी 6. अनिस अनथेनी संचालक, मैनेजर व हिस्सेदार है। पुलिस पूछताछ में इन्होंने  बतलाया कि उक्त कॉल सैन्टर का मालिक हंसराज यादव निवासी बादशाहपुर, गुरुग्राम है और उपरोक्त सभी 6 आरोपी 50 प्रतिशत के हिस्सेदार है तथा कॉल सेंटर का संचालन करते है।

यह है इनका ठगी का तरीका’
पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये इस कॉल सैन्टर को करीब 4/5 महिने से बिल्डिंग किराए पर लेकर हंसराज के साथ मिलकर पार्टनरशीप में चला रहे है और फर्जी कॉल सैंटर चलाने के लिए इन्होनें करीबन 106 लडकें व 43 लडकियां कस्टमर सर्विस के लिए नौकरी पर रखे हुए है। ये अमेरिका के नागरिकों को पोपअप भेजकर उसके कम्पयुटर सिस्टम वायरस ग्रस्त का फर्जी मैंसिज भेजकर व उनके ऊपर दबाव बनाकर कॉल करके/प्राप्त करके उनसे 300 से 900 डालर के ट्रांक्शजन करके धोखाधडी करते है। कम्पयुटर सिस्टम में इंटाल एप्लीकेशन पर विदेशी लोगों की कॉल आती है तथा विदेशी कस्टर इन्हें बताते है कि उनके कम्पयुटर सिस्टम में एक पोपअप मैसेज प्राप्त हुआ है। जिसे खोलने पर कम्पयुटर सिस्टम में वायरस होने की सूचना मिली है। जिस पर ये लोग स्क्रिट के अनुसार वायरस को ठीक करने का आश्वासन देते है तथा कस्टमर को उसे अस्थाई सिक्योरिटी देने के लिए अलटरा वीवर सोफ्टवेयर इंस्टाल कराते है। फिर कस्टमर के कम्पयुटर सिस्टम की स्क्रीन का एक्सैस शेयर कर लेते है फिर उसे कमाण्ड बॉक्स पर सिस्टम स्केन के लिए प्रोसेस कराते है जिसमें ये स्क्रीट में दी हुई फर्जी डिटेल-जानकरी इत्यादि उन्हें भेजते हैं।

डिटेल प्रयोग हुई है, जो गैर-कानूनी
इसके बाद में कहते कि उपरोक्त साईट पर उनकी डिटेल प्रयोग हुई है, जो गैर-कानूनी है। ये कस्टमर को बतलाते है कि बैंकिंग डिटेल बचाने के लिए उन्हें बैंक के टोल फ्री नम्बर कॉल लगाते है , आप उनको अपनी उपरोक्त परेशानी बताए वो आपकी मदद करेगें, फिर ये अपने फर्जी कॉल सैंटर में काम करने वाली दूसरी टीम को कॉल फारवर्ड कर देते तथा दुसरी टीम कस्टमर बैंक अधिकारी बनकर काल करते है और उससे बैंकिंग डिटेल सेव करने की एवज में उनसे विभिन्न एप के गिफ्ट कार्ड खरीदवाकर उन्हें डराकर/गुमराह करके तथा विश्वास में लेकर उनसे गिफ्ट कार्डाे के नम्बर पूछ लेते है। फिर उन्हें ये अपने विदेशी जानकार को भेजते है तथा वह इन गिफ्ट कार्ड को रीडेम कराकर पैसा कमाते हैं। पुलिस टीम द्वारा ’आरोपियों के कब्जा/कॉल सैन्टर से लगभग 22. 5 लाख रुपयों की नगदी, 06 लैपटॉप, 03 डैक्सटॉप व 18 मोबाईल फोन बरामद’ किए है।

You May Have Missed

error: Content is protected !!