गुरूग्राम जिला वासियों को पशुओं के अधिकारों के बारे में जागरूक करने को लेकर हुई चर्चा
गौशालाओं सहित कमेटी की कार्यप्रणाली संबंधी विषयों को भी रखा गया उपायुक्त के समक्ष
पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए उपमंडल स्तर पर बनाई जाएगी कमेटी- उपायुक्त

गुरुग्राम,1 अप्रैल । पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए सोसायटी (एसपीसीए) की बैठक उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित की गई जिसमें जिला वासियों को पशुओं के अधिकारों के प्रति जागरूक करने के अलावा सोसायटी की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने संबंधी कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में एजेंडा पर चर्चा के दौरान कई बिंदुओं पर सोसायटी सदस्यों की सहमति बनी।

बैठक में बताया गया कि मनुष्यों को ही नहीं पशुओं को भी अधिकार प्राप्त हैं। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फ़ैसलों में पशुओं के इन अधिकारों का उल्लेख किया है। हमें उन अधिकारों को जानने और समझने की ज़रूरत है।

भारत में पशुओं के क्या हैं कानूनी अधिकार-

बैठक में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डॉक्टर पुनीता ने बताया कि हर नागरिक का कर्तव्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(ए) के मुताबिक हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है।
पशुओं पर पशुता न करें, पशु को आवारा ना बनायें, पशुओं की देखभाल करें,
पशुओं को लड़ाएँ नहीं आदि पशुओं के अधिकारों में शामिल हैं।

उपायुक्त ने कहा कि पशुओं के प्रति क्रूरता संबंधी शिकायतों के निपटान हेतु जिला में उपमंडल स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी में संबंधित क्षेत्र का एसडीएम, शहरी क्षेत्र में संयुक्त आयुक्त निगम आयुक्त तथा ग्रामीण क्षेत्र में बीडीपीओ, पुलिस विभाग से एसीपी सहित एसपीसीए के सदस्यों को शामिल किया जाएगा।

*गौशालाएँ लीज़ पर ले सकती हैं ग्राम पंचायत की ज़मीन *

बैठक में यह भी बताया गया कि जिला में सड़कों पर आवारा गौवंश पाए जाने पर उसे कार्टरपुरी स्थित गौशाला में भेज दिया जाता है। वहाँ भीड़ होने पर फ़ालतू गायों को सिलानी स्थित गौशाला में शिफ्ट कर दिया जाता है। इसके लिए नगर निगम सिलानी गौशाला को प्रति गाय के हिसाब से आर्थिक सहयोग भी देता है।बैठक में यह भी बताया गया कि जिला की फर्रुखनगर स्थित गौशाला में 6500 से अधिक गोवंश रखा गया है और यह गौशाला दक्षिण हरियाणा की सबसे बड़ी गौशाला है।
उपायुक्त ने कहा कि गौशालाओं में शेड आदि स्थाई इन्फ़्रस्ट्रक्चर के लिए सोसायटी आर्थिक सहयोग दे सकती है परंतु रोज़मर्रा के खर्चे सोसायटी के दायरे में नहीं आते। इनके लिए गौशालाओं को स्वयं प्रयास करने होंगे। उन्होंने गौशालाओं को स्वावलंबी होने के लिए प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि जिन गाँवों में पंचायत के पास ज़मीन है, वह ज़मीन सरकार द्वारा निर्धारित दर पर लीज़ पर गौचारान के लिए ली जा सकती है, जिसे ग्राम सभा की बैठक में रखवा कर हर साल रिनयु करवाना होगा।

इससे पहले बैठक में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डॉ पुनीता ने पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए सोसायटी (एसपीसीए) के गठन के उद्देश्य से लेकर पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम 1960 की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने को लेकर आ रही समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा। बैठक में बताया गया हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते यह बैठक लंबे अंतराल के बाद आयोजित की गई है।सोसायटी के सदस्यों व गौशाला संचालन समिति सदस्यों द्वारा गौशालाओं के संचालन में आ रही समस्याओं से लेकर आवारा पशुओं व कुत्तों के पुनर्वास संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही शहर में दिन प्रतिदिन आवासीय स्थानों बंदरों के आतंक का मुद्दा भी बैठक में उठाया गया। इस मामले में सोसायटी के सदस्यों द्वारा अलग-अलग सुझाव दिए गए। बैठक में बताया गया कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा बंदरों को पकड़ने के लिए एक एजेंसी को ठेका दिया हुआ है।इस पर उपायुक्त ने कहा कि वह एजेंसी पकड़े जाने वाले बंदरों की संख्या का डाटा हर महीने प्रशासन के साथ साँझा करे, इस बारे में नगर निगम आयुक्त से आग्रह किया जाएगा । एक सुझाव आया कि बंदर समूहों में रहते हैं, इसलिए पूरे समूह को ही पकड़ कर दूर छोड़ा जाना चाहिए तभी यह समस्या दूर हो सकती है। समूह के एक दो सदस्यों को पकड़ने से वे ज़्यादा उग्र हो जाते हैं।

 इसके अलावा बैठक में विभिन्न गौशालाओं को आर्थिक सहायता संबंधी आवेदनों, पशुओं के प्रति क्रूरता संबंधी शिकायतों के निपटान हेतु कमेटी का गठन करने तथा मृत पशुओं के डिस्पोजल हेतु इंसीनेटर की व्यवस्था करने संबंधी विषयों पर भी चर्चा की गई। बैठक में सहमति बनी कि गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम क्षेत्रों में कम से कम एक एक इंसिनेटर अवश्य होना चाहिए। इनके अलावा, जिन ग्राम पंचायतों के पास पैसा है , वे भी इंसीनेटर ख़रीदने के बारे में विचार कर सकती हैं।

इस बैठक में पशुऑ के प्रति क्रूरता रोकथाम सोसायटी  के सदस्यों सहित अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे । 
error: Content is protected !!