भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। खेड़कीदौला टोल पर अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर बैठे चंद लोगों का स्वरूप अब बहुत विशाल रूप ले चुका है। बड़े-बड़े नेता वहां आ रहे हैं और उन्हें समर्थन दे रहे हैं। ऐसा नजर आता है जैसे यहां के नेताओं को ऐसा लगता है कि यदि हम वहां नहीं गए तो हमारी राजनीति ही समाप्त हो जाएगी। अहीर रेजिमेंट की मांग को समर्थन देने के लिए 36 बिरादरी के नेता जा रहे हैं और सभी का यही कहना है कि अहीर बहुत देशभक्त हैं तथा उनके लिए अहीर रेजिमेंट बननी ही चाहिए। आमतौर पर यह देखा जाता है कि हर जाति-बिरादरी वाले अपनी बिरादरी को श्रेष्ठ बताते हैं लेकिन अहीर रेजिमेंट की मांग को समर्थन देते समय खेड़की दौला टोल प्लाजा पर हर व्यक्ति के मुंह से यही सुना जाता है कि देश की रक्षा और देश की आजादी में अहीरों का सबसे अधिक योगदान है। इनमें बहादुर मानी जाने वाली कौम राजपूत और जाट भी हैं। जिस प्रकार भाजपा के नेता यहां पहुंच रहे हैं और समर्थन दे रहे हैं, उससे जनता में यह धारणा पलने लगी है कि यह धरना कहीं सत्ता पक्ष का प्रायोजित तो नहीं परंतु स्थिति यह है कि जन साधारण या नेता खुलकर इसके बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं, क्योंकि उनका कहना है कि हवा के विपरीत जाकर क्यों अपने को परेशानी में डालें। वैसे जनता में आवाजें उठ रही हैं कि यहां दूर-दूर से लोग वाहनों पर आ रहे हैं और वाहनों का खर्च यानी पैट्रोल का रेट पिछले सप्ताह से लगातार बढ़ रहा है। इसी प्रकार जहां वह टोल पर बैठे हैं, वहां टोल टैक्स भी एक अप्रैल से बढ़ रहा है। ऐसी अवस्था में प्रश्न यह खड़ा होता है कि अहीर रेजिमेंट के साथ ये मुद्दे नहीं उठने चाहिएं? लेकिन कुछ लोगों का मत यह भी है कि यह धरना है ही इसलिए कि जनता का ध्यान इन समस्याओं से हटाया जा सके। Post navigation ब्लाइंड मर्डर को कुछ ही घण्टों में पुलिस ने सुलझाया शिक्षा का बेड़ागर्क करने वाले दे रहें हैं बच्चों को परीक्षा देने के टिप्स