सोहना बाबू सिंगला

इसको नगरपरिषद अधिकारियों की मनमानी कहें अथवा लापरवाही। जो सीएम विंडो में दर्ज शिकायतों का निबटारा एक माह बीत जाने के बाद भी नहीं हो सका है। और न ही परिषद अधिकारियों ने शिकायत का जवाब ही दिया है। नागरिक शिकायतों को दर्ज कराने के बाद भी समाधान के लिए धक्के खाते घूम रहे हैं। उक्त सीएम विंडो अधिकारियों की मनमानी के कारण मात्र दिखावा बन कर रह गया है। 

विदित है कि गत करीब एक माह पूर्व वार्ड नम्बर 15 निवासी योगेश सिंगला ने सीएम विंडो के माध्यम से कस्बे में अवैध रेहड़ियों व मोबाइल शौचालयों को हटवाने की लिखित शिकायत दर्ज की थी। उक्त शिकायत एसडीएम सोहना कार्यालय से सीएम विंडो में दी थी ताकि जनहित की समस्याओं का तुरन्त समाधान हो सके। किन्तु उक्त शिकायत नगरपरिषद कार्यालय में पहुँच जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल सका है जबकि शिकायत को करीब एक माह बीत चुका है। परिषद ने आज तक भी शिकायतकर्ता को न तो फोन ही किया है और न ही उसको बुलाकर समस्या का समाधान ही किया है। ऐसा होने से नगरपरिषद विभाग अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। 

सीएम विंडो बनी दिखावा

सरकार द्वारा लोगों की शिकायतों को तुरन्त हल करने के लिए सीएम विंडो की शुरुआत की थी ताकि लोगों की समस्याओं का जल्द समाधान हो सके। किन्तु उक्त विंडो अधिकारियों की मनमानी के कारण मात्र दिखावा बन कर रह गई है। 

विंडो अधिकारी अनभिज्ञ

सीएम विंडो पोर्टल की जिम्मेवारी संभाल रहे अधिकारी व कर्मचारी अनभिज्ञ हैं। जिनको सम्बंधित विभाग अधिकारियों के बारे में ठोस जानकारी नहीं है। उक्त पोर्टल पर तैनात कर्मचरियों ने नगरपरिषद सोहना में तैनात कार्यकारी अधिकारी अतरसिंह के स्थान पर सन्दीप मलिक का नाम अंकित करके शिकायत पर जवाब तलब किया है। जबकि सन्दीप मलिक वर्तमान में सिरसा तैनात हैं।

क्या कहते हैं शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता योगेश सिंगला ने बताया कि उन्होंने 3 मार्च को सीएम विंडो के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी। ताकि शिकायत का जल्द समाधान हो सके। परन्तु परिषद अधिकारियों ने आज तक भी उनको किसी भी प्रकार की इत्तला नहीं दी है और न ही समाधान किया है। उक्त शिकायत अधिकारियों की मनमानी के कारण ज्यों की त्यों है।

error: Content is protected !!