बैंकों की हड़ताल से डगमगा गई गुड़गांव की अर्थव्यवस्था

– 10 बैंकों की 250 ब्रांच में होता है एक हजार करोड़ से अधिक का लेनदेन

गुड़गांव, 28 मार्च, (अशोक): सरकारी बैंकों की हड़ताल का असर आम आदमी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। बैंक कर्मचारियों ने किसी भी प्रकार की पब्लिक डीलिंग नहीं की। बैंक कर्मचारियों के मुताबिक, सोमवार को हुई हड़ताल से गुड़गांव में करीब एक हजार करोड रुपए से अधिक की ट्रांजेक्शन प्रभावित होने की सम्भावना है।

हरियाणा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष नरेश बागड़ी ने बताया कि सरकारी बैंकों का निजीकरण किए जाने के विरोध में सोमवार को सरकारी बैंकों ने दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। सोमवार को जिले के सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने रेलवे रोड स्थित केनरा बैंक के बाहर एकत्र होकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान मुख्य रूप से केनरा बैंक से सरोज शर्मा, पंजाब नेशनल बैंक से पवन कुमार, इंडियन बैंक से कृष्ण कुमार, यूको बैंक से पंकज कुमार व बैंक ऑफ इंडिया से सुरेंद्र कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे।

नरेश बागड़ी ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा बैंकों के निजीकरण करने का विरोध किया जा रहा है। सरकार लोन रिकवरी करने की बजाय बैंकों की कमान निजी हाथों में सौंप रही है। बैंक डिपोजिट पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाने, डीए लिंक पेंशन स्कीम लागू करने, ग्राहकों पर सर्विस चार्ज के नाम पर अत्याधिक शुल्क न लगाए जाने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का किए जाने समेत अन्य मांगों को माने जाने की सरकार से मांग की जा रही है। इसको लेकर कई बार वार्ता का दौर भी चला है, लेकिन सरकार अपनी मनमानी कर रही है।

उन्होंने बताया कि जिले में 10 सरकारी बैंकों की करीब 250 ब्रांच हैं। इनमें रुपए जमा करने, निकालने, डिमांड ड्राफ्ट बनवाने, चेक जमा कराने समेत अन्य प्रकार का एक हजार करोड रुपए से भी अधिक लेनदेन होता है। यह पूरी तरह से प्रभावित रहा है। इसके साथ ही इन बैंकों के ATM मशीन में भी इन दो दिनों में कोई कैश जमा नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 29 मार्च तक की हड़ताल के बाद बाद 30 व 31 मार्च को बैंक में सुचारू रूप से कार्य किए जाएंगे। एक अप्रैल को पब्लिक डीलिंग बंद रहेगी। 

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