उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को कमेटी की कार्यप्रणाली समझाने के साथ दिए आवश्यक दिशा निर्देश जिला स्तर व उपमंडल स्तर की सभी कमेटियां प्रत्येक माह की 07 तारीख को उपायुक्त को भेजेंगी अपनी रिपोर्ट उपायुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक माह आयोजित की जाएगी समीक्षा बैठक गुरुग्राम, 10 मार्च। जिला स्तरीय विजिलेंस कमेटी की पहली बैठक आज उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कमेटी को एक पखवाड़ा के भीतर व सब डिविजन कमेटी को हर सप्ताह एक-एक निरीक्षण या जांच करनी ज़रूरी है। लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में उपायुक्त ने उपस्थित सभी अधिकारियों को बताया कि गुरुग्राम जिला में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जिला स्तर व उपमंडल स्तर पर विजिलेंस कमेटियां गठित की गई हैं। डीसी श्री यादव ने सभी विभागीय अधिकारियों को कमेटी की रूपरेखा व कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये कमेटियां सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों तथा विकास संबंधी परियोजनाओं के सुचारू रूप से संचालन के साथ इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी एडीसी की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इस कमेटी के अन्य 4 सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का कार्यकारी अभियंता को शामिल किया गया है, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही, इस कमेटी में सर्वशिक्षा अभियान का अकाउंटस आफिसर ,स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का डीएसपी, संबंधित विभाग का अधिकारी( कार्यालय अध्यक्ष या उसका प्रतिनिधि) को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसी प्रकार, उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटियों में चेयरपर्सन सहित 4 सदस्य होंगे। प्रत्येक उपमंडल में सम्बंधित उपमंडल अधिकारी (ना.) कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटी के अन्य सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का उपमंडल अभियंता को शामिल किया गया है, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही एक अकाउंटस ऑफ़िसर व संबंधित विभाग का कार्यालय अध्यक्ष या उसका प्रतिनिधि कमेटी के अन्य सदस्यों में शामिल होंगे। कमेटी विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज को सरप्राइज चेक कर सकेगी। इसके अतिरिक्त जनसेवा से जुड़े विभाग जिनमें स्कूल, पीएचसी, अन्य स्वास्थ्य संस्थान, राजस्व, स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, परिवहन विभाग, पुलिस थाना आदि में विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों के कृत्यों या अनदेखी, गलत आचरण व ड्यूटी के प्रति लापरवाही की जांच करने में सक्षम होगी। साथ ही विकास परियोजनाओं में सामग्री की गुणवत्ता, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व कालाबाजारी, फसल खरीद सीजन के दौरान मंडियों में निरीक्षण व भौतिक सत्यापन, खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, मिलावट आदि के साथ ही जनहित से संबंधित मामलों की जांच करेंगी। उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप बी, सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच ज़िला स्तरीय कमेटी करेगी। उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के सेक्शन 17ए का जिक्र करते हुए कहा कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच ज़िला स्तरीय कमेटी करेगी लेकिन मामले में दोषी अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए यह कमेटी उपायुक्त को अनुशंसा करेगी। वहीं एक करोड़ रुपए से अधिक राशि के भ्रष्टाचार के मामले मुख्यसचिव को भेजे जाएँगे। ये कमेटियाँ किसी भी पब्लिक ऑफ़िस का लोकल ऑडिट कर सकेंगी और किसी विभाग में सरकारी धनराशि में सभी श्रेणियों के कर्मियों के घपले, ग़बन, रिश्वतख़ोरी के बारे में शिकायतों की जाँच भी करेंगी। इन जाँच मामलों में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग यदि कोई सिविल कार्य कर रहा है तो कमेटी के पास अधिकार होंगे कि वह मौके पर जाकर निर्माण सामग्री का सैंपल ले सकेंगी। इस कार्य मे यदि वे किसी तकनीकी विभाग की सहायता लेना चाहते है तो यह पावर भी कमेटी को प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा किसी भी विभाग में जांच के लिए उसके विभाग प्रमुख को सूचना देना व उसको जांच में शामिल करना आवश्यक होगा। सभी कमेटियां प्रत्येक माह की 07 तारीख तक उपायुक्त कार्यालय में भेजें अपनी रिपोर्ट, बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त श्री विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि उपमंडल स्तर व जिला स्तर की कमेटी की प्रत्येके माह की संकलित रिपोर्ट विजिलेंस विभाग के मुख्यालय को भेजी जाएंगी। ऐसे में सभी कमेटियाँ अपनी रिपोर्ट प्रत्येक माह की सात तारीख तक उपायुक्त कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें। एडीसी ने कहा कि सभी कमेटियों की कार्यशैली को सुचारू रखने के लिए उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में प्रत्येक माह समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिला में कहीं भी तथा एसडीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी उपमंडल में कहीं भी या डीसी की अनुमति से एक सबडिविजन की कमेटी दूसरे सब डिवीजन में जांच व निरीक्षण कर सकती है। बैठक में गुरुग्राम की एसडीएम श्रीमती अंकिता चौधरी, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे। Post navigation नवकल्प का सबला सम्मान-2022 समारोह आज चर्चा है…. हरियाणा की राजनीति में हो सकती है उथल-पुथल !