कर्मचारियों का शोषण बंद हो, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया
पूर्व सांसद और विधायक ले रहे ओपीएस का लाभ, कर्मचारियों पर थोपा एनपीएस

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

07 मार्च,पूर्व कैबिनेट मंत्री व तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की जोरदार पैरवी करते हुए विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना जहां कर्मचारी को बुढ़ापे में आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है वहीं नई पेंशन योजना कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पश्चात आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट संख्या 13 वर्ष 2020 तथा द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग ने भी नई पेंशन योजना की प्रभावशीलता तथा इसके तहत कर्मचारियों को सामाजिक आर्थिक सुरक्षा की गारंटी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने कहा कि जब विधायकों और सांसदों को पुरानी पेंशन का अधिकार मिला हुआ है तो सालों तक सेवा करने वाले कर्मचारियों को इससे वंचित रखना उनके हितों पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि ये समानता के अधिकारों का भी उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी की गाढ़ी कमाई से एकत्रित किया गया सेवानिवृत्ति का कोष शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के अधीन हो जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय घटना के समय बाजार का बाजार में उथल-पुथल होना स्वाभाविक है। वर्तमान में यूक्रेन जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय संकट में शेयर बाजार पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है जिससे कर्मचारियों की धड़कनें तेजी से बढ़ती जा रही हैं। उनके अनुसार जब कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे तो वह पूर्ण क्षमता से काम नहीं कर पाएंगे।

किरण चौधरी ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि दिसम्बर,2003 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना खत्म कर नई पेंशन योजना लागू करते हुए कर्मचारियों पर बड़ा कुठाराघात किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया है वही केरल आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल तथा पंजाब जैसे राज्यों में कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए एनपीएस की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय समितियां गठित की हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने तो नई पेंशन स्कीम को अभी तक लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इसपर खुलकर चर्चा होनी चाहिए और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें सामाजिक आर्थिक भावना सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में जल्द ही पुरानी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि सदन के पटल पर रखे जाने के बाद अन्य सदस्य भी इस पर सहमति जताएंगे।

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