यूक्रेन में बॉर्डर तक पहुंचने और अस्थाई कैम्प में रुकने और खाने- पीने का इंतजाम करे सरकार

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

03 मार्च,भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया कार्यवाही की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा विधानसभा घेराव के लिए जा रही आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स के साथ की गई ज्यादती ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि तीन महीने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निरंतर अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को ये ज्यादती महंगी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की बेरुखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में आंगनबाडी वर्कर और हेल्पर के लिए 1500 और 750 रुपए की बढ़ोतरी को अभी तक लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इसका एरियर समेत भुगतान होना चाहिए साथ में 2018 में कई गई घोषणा के मुताबिक उन्हें कुशल- अकुशल का दर्जा देते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किश्त मानदेय में जोड़कर देनी चाहिए। उन्होंने वर्कर से सुपरवाइजर की पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर करने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से 29 दिसम्बर को बातचीत के दौरान जो घोषणाएं की थी वो अविलंब लागू करनी चाहिए ताकि सभी बहनें खुशी खुशी घर लौट सकें।

श्रुति चौधरी ने कहा कि आज पुलिस ने ना केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बसों को जबरन रोका बल्कि जबरदस्ती उन्हें हिरासत में लेकर अज्ञात स्थान पर दूर दूर ले गई जहां किसी तरह के इंतजाम नहीं थे। उन्होंने कहा कि सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा महज जुमला साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जैसे जैसे युद्ध का समय बीतता जा रहा है वहां फंसे हुए बच्चों को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि गंभीर हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी सभाएं छोड़कर छात्रों की चिंता कर उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए यथासंभव प्रयास करने चाहिये।

उन्होंने कहा कि खारकीव, लवीव आदि से बॉर्डर तक जाने के लिए छात्रों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वे अपने रिस्क पर बॉर्डर तक पहुंचे जो खतरे से भरा है। सरकार को चाहिए कि वो भारतीय छात्रों को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध करवाने के साथ बॉर्डर तक जाने के लिए साधन उपलब्ध करवाये। उन्होंने कहा कि पॉलैंड बॉर्डर पर छात्रों को भारी ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही हैं साथ में खाने का भी बड़ा संकट है। उन्होंने कहा कि भरी ठंड में सरकार को बॉर्डर पर अस्थाई कैम्प में रुकने के इंतजाम खाने पीने का प्रबंध करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि छात्रों के इतनी विकट परिस्थितियों में फंसे होने के बावजूद भाजपा या जजपा के किसी भी नेता ने उनके चिंतित परिजनों की सुध नहीं ली है।

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