अंग्रेजों द्वारा जाति के नाम पर बनाई रेजिमेंटों के नाम बदले जाएं वर्ना अहीर रेजिमेंट तुरंत बनाई जाऐ

गुरुग्राम। खेड़की दौला टोल के नजदीक पिछले 27 दिनों से सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन करवाने के लिए धरना जारी है। धरना कमेटी द्वारा अनेकों गांवों को अलग-अलग मुकर्रर तारीखों पर धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन देने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसी क्रम में आज नखरौला व सिकंदरपुर गांव की बारी आने पर दोनों गांवों से लंबरदार, सरपंच व गांव के गणमान्य लोग भारी संख्या में डीजे, गाड़ियों पर झंडे व बैनर आदि लगाकर धरना स्थल पर पहुचें। समस्त सिकंदरपुर ग्रामवासियों की तरफ से 1,15,000/- रुपए व समस्त नखरौला ग्रामवासियों की तरफ से 1,11,000/- रूपये देकर समर्थन दिया गया।

ग्राम नखरौला से कंवरलाल, लक्ष्मण सरपंच, लंबरदार रवि सरपंच, नंदकिशोर, दमन व अनेकों वक्ताओं ने धरना को संबोधित किया। नखरौला निवासी सूर्य देव ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजों ने फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाकर हमें अनेकों जातियों व धर्मों के आधार पर बांटकर हमारे अन्दर फूट डालकर लंबे समय तक हमारे देश पर शासन किया। उन्होंने अपनी इसी सोच व नीति के आधार पर भारतीय सेना में भी जाति के नाम पर रेजीमेंटों का गठन किया। जबकि भारतीय वायु सेना में व नौसेना में जाति के नाम पर कोई रेजिमेंट या यूनिट नहीं है। हम जानते हैं की जातिवादी व धर्मवादी सिस्टम देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करता है।

यह सिस्टम देश को अलग-अलग समूहों में बांटता है। फिर समूह के लोग यह नहीं देखते की क्या सही है और क्या गलत है परंतु अपनी जाति, धर्म व समूह के समर्थन में एकजुट होकर खड़े हो जाते हैं। समूह द्वारा उठाई गई मांगों के लिए सभी एक हो जाते हैं। जब यह समूह अति विशाल हो जाता है तब समूह द्वारा किसी भी प्रकार की मांगें उठाई जा सकती है। यह मांग एक अलग राज्य या अलग देश जैसी भी उठने की संभावना हो सकती है। इसलिए जातिवादी या धर्मवादी सिस्टम देश की एकता एवं अखंडता के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। हमारे पूर्वजों द्वारा अनेकों कुर्बानियां दी गई। अनेक क्रांतिकारी वीर शहीद हुए तब जाकर हमारी भारत माता आजाद हुई। उन क्रांतिकारियों की यह मंशा रही थी की आजाद भारत को जाति के आधार पर बटने नहीं दिया जाऐ। इसलिए आजाद भारत की भारत सरकार द्वारा फैसला लिया गया कि आजादी के बाद अब सेना में जाति के नाम पर रेजिमेंटें नहीं बनाई जाऐगी। तब से हमारे देश में जाति के नाम पर रेजिमेंट नहीं बनाई गई है। हालांकि क्षेत्रों के नाम पर रेजिमेंटों का गठन अवश्य हुआ है।

सूर्य देव ने आगे बताया की देश की एकता एवं अखंडता की मजबूती के लिए “एक देश – एक जाति होनी चाहिए, हम सबकी जाति हिंदुस्तानी होनी चाहिए”। उन्होंने आगे कहा की हमारा देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के उपलक्ष में सेना में जाति के नाम पर अंग्रेजों द्वारा बनाई गई रेजिमेंटों के नाम बदलकर 36 बिरादरी रेजिमेंट नंबर 1, 36 बिरादरी रेजिमेंट नंबर 2, या वायु सेना और नौसेना की तरह रेजिमेंट/ यूनिट नंबर 1, रेजिमेंट/ यूनिट नंबर 2, आदि आदि कर देना चाहिए और अगर भारत सरकार आजादी के 75 साल बाद भी सेना में अंग्रेजों द्वारा बनाई गई जाति के नाम पर रेजिमेंटों को बरकरार रखना चाहती है तब फिर अहीरों का बलिदान भी अन्य जातियों की तुलना में कम नहीं बल्के अब्बल ही रहा है। इसलिए अहीरों के सम्मान का हक उन्हें तुरंत देने के लिए अविलंब अहीर रेजिमेंट का गठन भी कर देना चाहिए।

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