विस्फोटक कहां से खरीदे और यहां  किस उदेश्य से रखे ?

गुरूग्राम पुलिस के द्वारा की जा रही है इस मामले में भागदौड़.
मिले थे दो हैंड ग्रेनेड, 15 प्रैक्टिस हैंड ग्रेनेड, 43 गोली के खोल.
जानकारी लेने हेतु आर्डिनेंस फैक्टरी में संपर्क किया जा रहा

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
मंगलवार को सेक्टर-31 के एक खाली कोठी में से मिले विस्फोटक-ग्रनेड आदि के संबंध में गुरुग्राम पुलिस को अपने विश्वशनीय सूत्रों के माध्यम से सैक्टर-31, गुरुग्राम में एक प्लॉट में हथियार/ विस्फोटक होने के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई थी। इसी सूचना पर गुरुग्राम पुलिस की बम डिस्पोजल सहित विभिन्न टीमों द्वारा ं बताए गए कोठी/प्लॉट से में विस्फोटक सामग्री बरामद करके सम्बन्धित थाना में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

गुरुग्राम पुलिस द्वारा प्लॉट से बरामद किए गए एम्युनेशन-विस्फोटक पर मिले बैच व मार्का आदि के संबंध जानकारी लेने हेतु आर्डिनेंस फैक्टरी में संपर्क किया जा रहा है। इस प्रकार के एम्युनिशन बनाने वाली आर्डिनेंस फैक्टरी खगरिया (मध्यप्रदेश), आर्डिनेंस फैक्टरी मुरादनगर व शिवकाशी फायर फैक्टरी तमिलनाडु से पत्राचार करके इनके बारे जानकारी ली जा रही है। कोठी/प्लॉट में से बरामद किए एम्युनेशन के बारे में गुरुग्राम पुलिस द्वारा विभिन्न माध्यमों से यहां पर एम्युनेशन रखने का कारण व कहाँ से ये खरीदे गए थे और यहां पर किस उदेश्य से रखे गए थे ? इत्यादि के सम्बंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

प्लॉट परसराम होल्डिंग्स कम्पनी के नाम
इस मामले में गुरुग्राम पुलिस द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए जिस प्लॉट में विस्फोटक मिले थे उस प्लॉट के मालिकों के बारे में जानकारी इक्कठा की तो यह प्लॉट परसराम होल्डिंग्स कम्पनी के नाम से पाया गया। इस कंपनी के तीन डायरेक्टर के नाम रविन्द्र अग्रवाल, विवेक अग्रवाल व अंशु अग्रवाल हैं। परसराम होल्डिंग्स के डायरेक्टर रविन्द्र अग्रवाल व विवेक अग्रवाल जांच में शामिल हुए। जबकि अंशु अग्रवाल बाहर गए हुए हैं।

पिछले 6 वर्ष से कोई गार्ड यहां नहीं
पूछताछ पर इन्होंने बताया कि यह प्लाट वर्ष 2006/07 में इन्होंने खरीदा था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हुडा के नियमों के अनुसार 25 प्रतिशत एरिया में निर्माण कर लिया गया था। निर्माण करने के उपरांत सिर्फ 1-2 बार ही यहां आए थे। देखभाल के लिए 6 वर्ष तक इन्होंने गार्ड भी रखा था । लेकिन पिछले 6 वर्ष से कोई गार्ड यहां पर नहीं था। इन्होंने आखिरी बार वर्ष 2019 में इस प्लॉट की सफाई कराई थी। कोठी से बरामद विस्फोटक के सम्बंध में जो भी जानकारी/तथ्य सामने आएंगे नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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