गुड़गांव: आज दिनांक 27 फरवरी,2022 युवा संगठन –ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन(AIDYO) ने शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर तिकोना पार्क नजदीक मदर डेयरी बूथ सेक्टर -5 में बेरोजगारी पर परिचर्चा का आयोजन किया. जिसकी अध्यक्षता कामरेड बलवान सिंह जिलाध्यक्ष ने की. संचालन संगठन के उपाध्यक्ष वजीर सिंह ने किया. सभा को संबोधित करते हुए कामरेड सरवन कुमार ने कहा की शहीद चंद्रशेखर आजाद ने शोषण विहीन समाज की स्थापना के लिए अपने जीवन का बलिदान किया और उनके सपने को पूरा करने के संकल्प को दोहराया।

युवा नेता वजीर सिंह ने बताया कि शहीद चंद्रशेखर आजाद सभी के प्रेरणास्रोत हैं। 1947 में देश को अंग्रेजों से आजादी तो मिली लेकिन शोषण से मुक्ति का शहीद चंद्रशेखर आजाद का सपना पूरा नहीं हुआ। शहीद चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी क्रांति की जरूरत महसूस की थी। अध्यक्ष बलवान सिंह ने कहा आज आज़ादी के 74 साल बाद भी स्वतंत्रता सेनानिनियों और मनीषियों का सपना पूरा नहीं हुआ है। शिक्षा महंगी हो चुकी है। शिक्षा का निजीकरण-व्यापारीकरण करके इसे बाजार का बिकाऊ माल बनाया जा रहा है। युवाओं को शराब व नशे की लत में फंसाया जा रहा है।

इससे अपराध बढ़ रहे हैं और महिलाओं के जीवन व इज्जत-आबरू पर हमले हो रहे हैं। देश के मेहनतकश लोग घोर गरीबी, तंगहाली,  कर्ज, शोषण-जुल्म में पिस रहे हैं। लोग भूखे मर रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर है। वोट बैंक की राजनीति करने वाली पूंजीवादी पार्टियों व पूंजीपतियों की राजनैतिक प्रबंधन सरकारों के पास लोगों को देने के लिए अच्छा कुछ भी नहीं है । उन्हें डर है कि मेहनतकश जनता पर बढ़ते हमलों से कहीं जनउभार के हालात पैदा न हो जाएं। इसलिए स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही चाहे कांग्रेस हो, या बीजेपी, उन्होंने मेहनतकश जनता की एकता व भाईचारे को तोड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। जनजीवन के असली मुद्दों से छात्र-नौजवानों सहित आम लोगों का ध्यान हटाने की जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं। धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र आदि के नाम पर लोगों में फूट डाली जा रही है, उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है। लोगों के दिमाग में कट्टरपन व साम्प्रदायिकता का जहर घोला जा रहा है। धर्मोन्माद और एक खास धर्म के लोगों के प्रति नफरत फैलाई जा रही है।

सरकार की जनविरोधी गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही का तमगा देकर बेरहमी से दमन किया जा रहा है। विरोध की आवाज का गला घोंटा जा रहा है। फिर भी छात्र हर अन्याय-अत्याचार का डटकर विरोध कर रहे हैं। अगर आज शहीद चंद्रशेखर आजाद जिन्दा होते तो देश के मौजूदा अन्याय-अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त नहीं करते। आज शहीद चंद्रशेखर आजाद के जीवन संघर्ष से सीख लेकर उनके अधूरे सपने को साकार करने की शपथ लेने का दिन है। शिक्षा व लोकतंत्र पर हो रहे हमले समेत महंगाई, बेरोजगारी , नशाखोरी, अश्लीलता, नैतिक पतन और महिलाओं पर अत्याचार जैसी तमाम ज्वलंत समस्याओं के खिलाफ छात्र-युवाओं को लामबंद करें, उन्हें उच्च नीति-नैतिकता के आधार पर जागरूक करें और पूंजीवाद-विरोधी दिशा में जोरदार आंदोलन खड़ा करें ताकि शासक पूंजीपति वर्ग की इस साजिश को नाकाम किया जा सके । यही उनके प्रति सही व सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस कार्यक्रम में कॉमरेड बलवान सिंह, सरवन कुमार,वजीर सिंह, राजेश कुमार, कमल कांत, कृष्ण कुमार, बिजेंदर, कर्मवीर, रविंद्र परिहार, अवधेश कुमार, महेंद्र सिंह, हरिओम, विजेंद्र दुबे, जितेंद्र सिंह, युद्धिष्टर, सूरज, अंकित, शशिकांत, पुलकित, सुरजभान, यशपाल यादव, शैलेश पांडे, प्रदीप के अलावा सभा में उपस्थित सभी ने चर्चा में हिस्सा लिया व पुष्प अर्पित कर शहीद चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि दी।

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