-इस मामले में अब तक की गई कार्यवाही को लेकर केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने अधिकारियों की ली बैठक

गुरूग्राम, 23 फरवरी। केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि गुरूग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटल पेराडिसो रिहायशी सोसायटी में हुए हादसे की जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और लोगांे को पारदर्शिता नजर भी आनी चाहिए।

  राव इंद्रजीत सिंह बुधवार को गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह में चिंटल पेराडिसो हादसे में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में हो रही जांच से स्थानीय निवासियों की संतुष्टि होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के हादसे ना हों, इसके लिए शीर्ष वरियता प्राप्त संस्थानों के एक्सपर्ट्स को पैनल पर रखा जाए ताकि कहीं से भी निर्माण मंे कमी के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर एक्सपर्ट्स की टीम बनाकर उससे स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम उत्तर भारत का तेजी से विकसित होता शहर है और इस शहर के बारे में किसी भी स्तर पर विश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए। नियमों के उल्लंघन करने वालों पर कानून के अनुसार कार्रवाई हो।

उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में भी आरडब्ल्यूए की बैठक हुई थी और इसी कड़ी में आज की बैठक आयोजित की गई। प्रदेश में सुरक्षित, सुविधाजनक व भविष्य की जरूरत के अनुसार ग्रपु हाउसिंग सोसायटी विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा और इन सोसायटियों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।

बैठक में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने केंद्रीय मंत्री राव इदं्रजीत सिंह को अब तक चिंटल पेराडिसो हादसे तथा एनबीसीसी सोसायटी के मामले में अब तक हुई कार्यवाही के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि चिंटल पेराडिसो हादसे की जांच की जा रही है। अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में गठित कमेटी यह जांच कर रही है। इसके अलावा आईआईटी दिल्ली के एक्सपर्ट्स की टीम हादसे के कारणों की जांच कर रही है। बिल्डर तथा सोसायटी के डायरेक्टरों के खिलाफ पुलिस मंे मामला दर्ज करके तफतीश की जा रही है। इस सोसायटी के डी-टावर के सभी परिवारों को शिफट कर दिया गया है। इन प्रभावित परिवारों को तीन विकल्प दिए गए हैं।

बैठक में जिला नगर एवं योजनाकार विभाग के डीटीपी आर एस भाट् ने बताया कि चिंटल पैराडिसो सोसायटी के डी टावर में 64 फलैट है जिनमें से 58 फलैट अलॉट किए गए थे जिनमें 45 परिवार रह रहे थे। इनमे से 23 फलैट ऑनर थे और 22 किराएदार थे। इनमें से 7 परिवारों ने स्वेच्छा से कहीं और शिफट कर लिया है जबकि 3 अन्य परिवार भी अपने स्तर पर शिफट कर रहे हैं। अन्य 27 परिवारों को ब्लॉक ए, बी, सी और जे में  शिफट कर दिया हैं। इस सोसायटी वासियों द्वारा इससे पहले जुलाई में दी गई शिकायत के बारे में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा पूछे जाने पर डीटीपी आर एस भाट ने बताया कि उस समय बालकनी की छत का हिस्सा गिरा था जिसके बारे में शिकायत मिलते ही बैठक बुलाकर बिल्डर को आवश्यक कार्यवाही करने की हिदायत दी गई थी। बिल्डर के मेंनटेनेंस इंजीनियरिंग विंग को ही काम करना था। बिल्डर को भी स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने के लिए कहा गया था।

बैठक में पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने बताया कि चिंटल पेराडिसो मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और मामले की पुलिस तफतीश की जा रही है। आईआईटी दिल्ली के एक्सपर्ट्स की टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे की कार्यवाही उसी आधार पर की जाएगी क्यांेकि पुलिस कार्यवाही में सबूतों की आवश्यकता होती है।

बैठक में मंडलायुक्त राजीव रंजन, पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, जिला एवं नगर योजनाकार विभाग के निदेशक के एम पांडुरंग, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासक जसप्रीत कौर, डीसीपी वेस्ट दीपक, नगर निगम की मुख्य नगर योजनाकार मधु स्मिता, एसटीपी संजीव मान, डीटीपी आर एस भाट व संजय कुमार, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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