डीसी निशांत यादव के मार्ग दर्शन में चलायष गया राहत कार्य.
इस हादसे में दबने-घायल होने वाली दो महिलाओं की हुई डैथ.
इंडियन रेलवे सर्विस के अधिकारी को  जिंदा बचा लिया गया

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। 16 घंटे तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर बिग्रेड, सिविल डिफेंस, पुलिस व प्रशासन के द्वारा मैराथन बचाव-राहत अभियान के बाबजूद चिंटल पैराडिसो नामक रिहायशी सोसायटी हादसे में दो लोगों की डैथ हो गई, मरने वाली दोनो महिलाएं हैं। वहीं इंडियन रेलवे सर्विस के अधिकारी ऐ के श्रीवास्तव को सुरक्षित -जीवित निकालने में कामयाबी मिली है। गौर तलब है कि गुरूवार को दिन ढ़ले गुरूग्राम के सैक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसो नामक रिहायशी सोसायटी में 18 बहुमंजिला ईमारत का हिस्सा गिरने से हुए हादसे में 16 घंटे के लगातार बचाव आप्रेशन चला।  इस दौरान इंडियन रेलवे सर्विस के अधिकारी ऐ के श्रीवास्तव को जिला प्रशासन व एनडीआरएफ की टीम के प्रयासांे के चलते शुक्रवार को सुरक्षित निकाल लिया गया और उन्हें ईलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। इस हादसे में चार लोगों के फंसने की सूचना मिली थी जिसमें से दो को सुरक्षित जीवित निकालने में सफलता मिली और तमाम कोशिशों के बावजूद दो महिलाओं को बचाया नही जा सका। इस हादसे की जांच डीसी निशांत कुमार यादव ने गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा को सौंपी है।  

मलबे में कुल चार लोग दबे थे      
जिला प्रशासन को गुरूवार देर सांय सूचना मिली कि सैक्टर-109 में चिंटल  पैराडिसो नामक रिहायशी सोसायटी में छठी मंजिल पर डाइनिंग रूम की छत गिर गई और यह पहली मंजिल  गिरती चली गई। इसकी सूचना मिलते ही डीसी निशांत कुमार यादव ने तत्काल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर भेजा । इस दौरान उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी सूचित करते हुए मौके पर पहुंचने के लिए कहा। इस बीच गुरूग्राम पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी वहां पहुंच गई और उन्होंने एक महिला को उसी समय जीवित निकाल लिया। इसके बाद पता चला कि तीन लोग और मलबे में फंसे हुए हैं, जिनको निकालने के लिए राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू किए गए। डीसी निशांत कुमार यादव, एडीसी विश्राम कुमार मीणा, पुलिस आयुक्त के के राव, डीसीपी दीपक, एसडीएम अंकिता चौधरी , मैडिकल टीम सहित बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद भी देर रात तक मौके पर रहे,  जिनकी देख रेख में राहत व बचाव कार्य किया गया। इस दौरान डीसी ने सोसायटी के अन्य लोगों से भी बातचीत की और उनकी हिम्मत बंधाई।

रेलवे अधिकारी का जीवट बना संजीवनी
देर रात बिल्डिंग की दूसरी मंजिल से एक महिला को मृत निकाला गया। इस दौरान पहली मंजिल पर फंसे रेललवे अधिकारी ए के श्रीवास्तव तथा एक महिला को निकालने का कार्य जारी रहा। श्रीवास्तव का दाहिने पांव पर छत का लेंटर सीधा गिर गया था जिसके कारण वे निकल नही पा रहे थे। मलबा इतना ज्यादा था कि उसे उठाना भी कठिन था। इस बीच एक सुझाव यह आया कि श्री श्रीवास्तव के पांव को काटकर उन्हें बाहर निकाल दिया जाए, लेकिन उपायुक्त श्री यादव ने सिविल सर्जन की टीम को इस पहलू पर विचार करने के लिए कहा, जिस पर टीम ने पांव काटना मुनासिब नही समझा। फिर डीसी ने निर्णय लिया कि जितना मलबा हटाया जा सकता है उसे हटाया जाए । स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्रीवास्तव को आईवी फल्यूड और सेडिशन की दवाएं जारी रखीं ताकि उसे दर्द महसूस ना हो। सुबह तक मलबा हटाने का कार्य चलता रहा और एक बार फिर एनडीआरएफ की टीम ने श्रीवास्तव के पांव को काटने का सुझाव दिया । इसके बाद डीसी निशंात कुमार यादव ने सिविल सर्जन को मौके पर पहुंचकर तमाम परिस्थितियों को देखते हुए स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। सिविल सर्जन व उनकी टीम ने देखा कि श्रीवास्तव का दांया पांव ठीक है और उसमें कहीं फ्रैक्चर भी नही है।

श्रीवास्तव का पांव काटने पर जान को खतरा
अगर पांव काटा जाता है तो सदमे में  श्रीवास्तव की जान भी जा सकती है। ऐसी स्थिति में डीसी ने फिर से जैसे तैसे पांव को निकालने के निर्देश दिए। सिविल सर्जन व उनकी टीम ने उन्हें सेडेटिव देकर मलबे के नीचे से पांव को खींचकर बाहर निकालने की योजना बनाई लेकिन उनका जूता उसमें आड़े आ रहा था। पांव के हिस्से को नारियल तेल से चिकना करके उनके पांव को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की।  श्रीवास्तव पहले से ही मैक्स अस्पताल में इलाज करवा रहे थे, इसलिए उन्होंने उसी अस्पताल में इलाज के लिए जाने की इच्छा जाहिर की, अन्यथा सिविल सर्जन की टीम ने ईलाज के पूरे प्रबंध कर लिए थे। जिला प्रशासन और मैडिकल टीम की सूझ-बूझ से  श्रीवास्तव की जान भी बची और पांव भी नही काटना पड़ा। इसके बाद जब श्रीवास्तव को स्ट्रेचर पर बाहर निकालकर लाया गया तो वहां उपस्थित रेजिडेंटस ने जिला प्रशासन और एनडीआरएफ के प्रयासो की सराहना की और तालियां बजाकर उनका मनोबल बढ़ाया। इसके बाद पहली मंजिल पर फंसी महिला को निकालने का कार्य शुरू किया गया, जोकि चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित की गई।

इस प्रकार गुरूवार सांय से 16 घंटे के निरंतर राहत व बचाव कार्य चलाकर बिल्डिंग में फंसे चार लोगों में से दो को जीवित बाहर निकालने में सफलता मिली । डीसी निशांत कुमार यादव ने सोसायटी के निवासियों से बात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस दौरान सोसायटी के अन्य निवासियों से धैर्य बनाए रखने की भी अपील की।  

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