डीसी ने डेटा कलेक्शन के लिये विभागवार नोडल अधिकारी नियुक्त कर दी जिम्मेदारी.
डीसी डा यश गर्ग बैठक में बोले गुरुग्राम में भूजल स्तर गिरना चिंता का विषय.
फाइनल प्लान बनाकर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
गुरुग्राम जिला में घटते भूजल स्तर व वर्ष 2041 के जनसंख्या मानकों को ध्यान में रखते हुए वाटर प्लान बनाया जाएगा। डीसी डॉ यश गर्ग ने इस विषय पर शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित मीटिंग हाल में बैठक आयोजित कर प्लान बनाने में शामिल विभिन्न विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए । ये सभी नोडल अधिकारी आगामी 31 जनवरी तक पूरे जिले से पानी की मौजूदा डिमांड व सप्लाई तथा अन्य संसाधनों की विस्तृत रिपोर्ट गुरुजल सोसाइटी को सौपेंगे। तत्पश्चात सोसाइटी द्वारा सभी रिपोर्ट्स का अध्ययन कर उस पर विचार विमर्श करने के बाद  फाइनल प्लान बनाकर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एच.डब्ल्यू.आर.ए) के पास भेजा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी डॉ गर्ग ने कहा कि गुरुग्राम में भूजल स्तर गिरना चिंता का विषय है। जिला में जितना पानी रिचार्ज होता है उस से दुगनी मात्रा में पानी वेस्ट भी जा रहा है। ऐसे में जिला में पानी की मांग व जनसंख्या के बढ़ते दबाव को देखते हुए आगामी 20 वर्षों यानी वर्ष 2041 के जनसंख्या मानकों को आधार मानते हुए जिला में वाटर प्लान बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम करना होगा।

ट्रीटेड वेस्ट वाटर  इस्तेमाल  पर जोर दे
डॉ गर्ग ने कहा कि जिला में हमें बारिश के पानी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में बचाकर उसे भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने की ज़रूरत है । इसके साथ ही जिला में जहाँ भी इंडस्ट्रियल एरिया है, वहां पर ग्राउंड वाटर स्त्रोत पर निर्भरता को कम करते हुए ट्रीटेड वेस्ट वाटर का इस्तेमाल करने पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिला में ग्राउंड वाटर का करीब 53 प्रतिशत भाग खेती बाड़ी के काम में इस्तेमाल में लाया जाता है। ऐसे में जिला में किसानों को जागरूक कर उन्हें माइक्रो व ड्रिप इर्रिगेशन की तरफ मोड़ना होगा। वहीं जिला में ट्रीटेड वेस्ट वाटर की सप्लाई लाइन को भी बढ़ाने की आवश्यकता है।

जिला में क्षेत्रवार प्लान बनाने की आवश्यकता
 डीसी ने कहा कि हमें जिला में क्षेत्रवार प्लान बनाने की आवश्यकता है। ऐसे में वर्ष 2041 का लक्ष्य रखते हुए यह भी तय करना होगा कि जिला में कहां कहां पर माइक्रो एसटीपी बनाने की आवश्यकता है व साथ ही हमारे ड्यूल वाटर सिस्टम का कहाँ तक विस्तार किया जा सकता है। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डॉ शिवसिंह रावत ने वाटर प्लान बनाने के उद्देश्यों के बारे में एक शार्ट पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया जिसमें उन्होंने बताया कि हमें जिला की मौजूदा स्थिति व  वर्ष 2041 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए पानी की मांग व सप्लाई और  जिला में उपलब्ध संसाधन व उन संसाधनों  के सदुपयोग पर कार्य किया जा सकता है। इसका डेटा 31 जनवरी तक इक्कठा कर उसे गुरुजल सोसाइटी के पास भेजें।

इन्हें सौंपी नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी’
नगर निगम गुरुग्राम में इंफ्रा टू के अधीक्षक अभियंता, नगर निगम मानेसर में अधीक्षक अभियंता, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, अधीक्षक अभियंता पब्लिक हेल्थ, उप निदेशक कृषि विभाग, हैड्रोलॉजिस्ट, एसडीओ मिकाडा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट हरसेक।

तय की डेटा कलेक्शन की टाइमलाइन
डॉ गर्ग ने सभी नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही डेटा कलेक्शन के लिए 31 जनवरी की टाइम लाइन भी निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों से डेटा मिलने के उपरांत फरवरी के पहले सप्ताह में उसका आंकलन किया जाएगा। उसके बाद फरवरी मध्य से अंत तक आंकलित डेटा के आधार पर प्रोपोजल व ड्राफ्ट प्लान तैयार किया जाएगा। वहीं सिटीजन फीडबैक के लिए 25 फरवरी से 01 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में प्लान को अंतिम रूप देकर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एच.डब्ल्यू.आर.ए) के पास भेजा जाएगा। बैठक में एडीसी विश्राम कुमार मीणा, जिला परिषद की सीईओ श्रीमती अनु श्योकंद, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।