काकड़ोली हट्टी, उमरवास में किसानों से मुआवजा वितरण में भेदभाव लगाया आरोप।
अवैध खनन पर नहीं कोई ध्यान, कुंभकर्णी नींद मे सोई सरकार : श्रुति चौधरी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

20 जनवरी,पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में किसानों से लूट अब भी बदस्तूर जारी है। किसान मुआवजा पाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं जिसके चलते जन आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। किसानों के खातो से पैसे काटकर प्राइवेट बीमा कंपनियों को सरकार ने जरूर मालामाल कर दिया है तो वही आज किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि बाढड़ा उपमंडल के काकड़ोली हट्टी और उमरवास के ग्रामीण कई बार प्रशासन के सामने गुहार लगा चुके हैं। लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है। किसानों से बीमा योजना के पैसे वसूलने के बाद जब उनकी फसल बर्बाद हुई तो बीमा कंपनियों ने टालमटोल करते हुए बहाने गढ़ने शुरू कर दिए। काकड़ोली हट्टी और उमरवास के ग्रामीणों के साथ खरीफ सीजन 2020 की बेमौसमी बरसात व सफेद मक्खी से खराब कपास की फसल के मुआवजा वितरण में भारी भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि ये असहनीय है और अगर सरकार ने इस मामले में तुरंत संज्ञान नहीं लिया तो कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने को मजबूर होगी।

उन्होंने ने कहा कि दादरी जिले के अनेको गांवों में पानी भराव के चलते किसान दो फसलें लेने से वंचित हो गए हैं लेकिन सरकार ने घोषणा के बावजूद भी उनको वाजिब मुआवजा नहीं दिया है। जिले के कई गांवों में अभी भी पानी खड़ा है लेकिन प्रशासन का रवैया बेहद उदासीन है। सरकार को इस बारे में प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार टेल तक पानी पहुंचाने का दावा करती है लेकिन सर्दी में भी संडवा की तरह कई गांवों में पीने के पानी के लाले पड़े हुए हैं।

अवैध खनन पर नहीं कोई ध्यान, कुंभकर्णी नींद मे सोई सरकार : श्रुति चौधरी

अवैध खनन के चलते सरकार का ढुलमुल रवैया जिस कारण आए दिन हो रहे हादसे। पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने डाडम हादसे से सबक नहीं लिया है और मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है।

उन्होंने नांगल चौधरी में अवैध खनन के चलते बुधवार हो हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार को अवैध खनन पर तुरंत प्रभावी ढंग से कार्यवाही करनी चाहिए ताकि और जान माल की हानि ना हो। उन्होंने कहा कि खनन से हजारों मजदूरों की आजीविका जुड़ी है। ऐसे में सरकार को माइनिंग प्लान के हिसाब से खनन किये जाने पर ध्यान देना चाहिए जिससे काम धंधे प्रभावित ना हों।